आगरा (ब्यूरो) सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ शहीद हुए चार जांबाजों का ताजनगरी से गहरा नाता था। चारों ने पैराट्रूपर्स ट्रेङ्क्षनग स्कूल (पीटीएस) में पैराशूट के साथ कूदने का प्रशिक्षण लिया, उन्हें पांच सफल जंप (छलांग) के बाद पैराट्रूपर का तमगा मिला। इन जांबाजों ने मलपुरा ड्राङ्क्षपग जोन में एनएन-32 विमान से 1250 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। ये पैराट्रूपर्स हर स्थिति से निपटने में माहिर थे।

आगरा एयरफोर्स स्टेशन में वर्ष 1948 में स्थापित है पीटीएस

यहां तीन पैरा के नायक जितेंद्र कुमार, नौ पैरा के नायक गुरुसेवक ङ्क्षसह, एक पैरा के लांस नायक विवेक कुमार, 11 पैरा के लांस नायक बीएस तेजा ने पांच से नौ साल में बेसिक कोर्स पूरा किया। इनके एक साथी ने बताया कि पीटीएस हो या फिर ड्राङ्क्षपग जोन, हर जगह जितेंद्र कुमार और गुरुसेवक सबसे आगे रहे। ऊंचाई से कूदने में इन्हें जरा भी डर नहीं लगता था। हर साल दो छलांग के लिए यहां आते थे। एक अन्य साथी ने बताया कि बीएस तेजा हंसमुख स्वभाव के थे। वह एक ही बात कहते थे कि डर के आगे जीत है। ऊंचाई कितनी भी हो, उससे डरना नहीं चाहिए। उन्होंने पांच जंप में से चार दिन और एक रात में की तब पैराट्रूपर का तमगा मिला। लाल टोपी पहनने का भी मौका मिला। वर्दी के साथ पैरा ङ्क्षवग लगाना शुरू किया।
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