आगरा(ब्यूरो)। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के हवाले शहर में 100 से अधिक स्मारकों के संरक्षण कार्य की जिम्मेदारी उठाई जाती है। इनमें से तीन स्मारकों को यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। इसमें ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी शामिल हैं। संरक्षण के साथ स्मारकों से एएसआई अपनी आय भी करता है।

100 से अधिक स्मारकों की जिम्मेदारी

वल्र्ड हेरिटेज साइट के अलावा अकबर टॉम्ब, एत्माद्दौला, मरियम टॉम्ब, मेहताब बाग, रामबाग पर टिकट सिस्टम लागू हैं। स्मारकों पर एएसआई की ओर से अलग-अलग कैटेगिरी में टिकट भी तय किए गए हैं। एक आंकड़े के अनुसार शहर में रोज करीब 20 हजार टूरिस्ट्स आते हैं। ऐसे में हर वर्ष टूरिस्ट्स की विजिट से एएसआई को अच्छी खासी कमाई होती है। लेकिन, स्मारकों पर टूरिस्ट्स की सेफ्टी के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए जाते। अगर ऐसा नहीं होता तो ताजमहल समेत अन्य स्मारकों पर पर्यटक के साथ बार-बार हादसे नहीं होते।


ताज में घायल पर्यटक को ऑटो से भेजा था हॉस्पिटल
मार्च में पश्चिम बंगाल से दो टूरिस्ट्स ताजमहल घूमने आए थे। इनमें एक 78 वर्षीय महिला पर्यटक चक्कर आकर गिर गईं। उनके सिर में गंभीर चोट आई। उन्हें हॉस्पिटल भेजने के लिए स्मारक के गेट तक लाया गया लेकिन यहां खड़ी एंबुलेंस खराब मिली। ऐसे में ऑटो से टूरिस्ट को पास ही स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल भेजा गया। इसी दिन शाम को केरल से आईं महिला पर्यटक को मुख्य मकबरे की सीढिय़ों से उतरने में चोट लग गई थी। एंबुलेंस खराब होने पर सीआईएसएफ ने अपनी गाड़ी से हॉस्पिटल भेजा था।


पर्यटक के सिर से बहा खून
जुलाई में दिल्ली से एक महिला पर्यटक ताज विजिट करने आईं थीं। रॉयल गेट स्थित वीडियो प्लेटफॉर्म से गिर गईं। उन्हें सिर में चोट लगी। सिर से खून निकलने लगा। उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।


जापानी पर्यटक की हो चुकी है मौत
ताजमहल के अंदर मुख्य चबूतरे से फिसलने के कारण 2015 में जापानी पर्यटक की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इंतजाम नहीं किए। ताजमहल में चोट लगने से कई बार पर्यटक बेहोश भी हो चुके हैं।

मंकी और डॉग बाइट के भी कई हो चुके हैं शिकार
स्मारकों पर मंकी बाइट के भी कई पर्यटक शिकार हो चुके हैं। मई में ताज विजिट करने आई रशियन महिला पर्यटक बंदर के हमले के चलते घायल हो गई थी। बंदर ने उसके हाथ में काट लिया था। ये सिर्फ एक घटना नहीं है। बंदरों के हमले में कई बार विदेशी पर्यटक घायल हो चुके हैं।


100 से अधिक एएसआई प्रोटेक्टेड मॉन्यूमेंट्स
3 यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट
20 हजार करीब रोज टूरिस्ट्स आते हैं शहर में
8 स्मारकों पर एएसआई वसूलता है टिकट
--

ये हैं यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट
- आगरा किला
- ताजमहल
- फतेहपुरसीकरी

पिछले वर्षों में शहर आए टूरिस्ट्स
वर्ष - डोमेस्टिक- फॉरेन टूरिस्ट्स
2022-10010849 - 378635
2021 -109708435 - 44737
2020 -86122293- 890932

सीकरी में हादसास्थल का मैंने खुद निरीक्षण किया है। रेलिंग पर्यटकों को दूर रखने के लिए लगाई गई है। रेलिंग ठीक थी, उसे वजन रखने के लिए नहीं बनाया गया था। स्मारकों में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाते हैं। जो भी सुधार की आवश्यकता होती है, उसे समय-समय पर किया जाता है।
राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद् आगरा सर्कल

ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटनाओं से शहर और देश की की पर्यटन की छवि को नुकसान पहुंचता है। स्मारकों में टूरिस्ट्स की सुरक्षा को लेकर एएसआई को और प्रभावी कदम उठाने चाहिए। प्रशासन को हर स्मारक पर डॉक्टर और एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए।
- राकेश चौहान, प्रेसिडेंट, आगरा होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

पर्यटकों से टिकट के रूप में शुल्क वसूला जाता है, उसके एवज में कम से कम उनकी सुरक्षा तो पुख्ता की जाए। स्मारकों में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस तरह के हादसों को रोके जाने के लिए कदम उठाए जाएं। घटना दुर्भाग्यपूण है।
संदीप अरोड़ा, प्रेसिडेंट, टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन