आगरा(ब्यूरो)। श्रद्धा और आस्था में अभिभूत भक्तों द्वारा भगवान शिव के अभिषेक का सिलसिला सुबह चार बजे शुरू होकर दोपहर दो बजे तक निरंतर चला। शाम को शृंगार दर्शन कर श्रद्धालु खुद को धन्य समझने लगे। मेले का आनंद बच्चों के साथ बड़ों ने उठाया।

सुबह चार बजे मंगला आरती
सावन के पहले सोमवार को राजेश्वर महादेव मंदिर पर मेला लगता है। इसका शुभारंभ रविवार शाम केशवानंद महाराज और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो। एसपी ङ्क्षसह बघेल ने किया था। रविवार रात दो बजे मंदिर में अनुष्ठान प्रारंभ हुआ। महंत गोस्वामी परिवार के सदस्य, ट्रस्टी, मेला कमेटी के पदाधिकारी और पुजारी रूपेश सारस्वत ने इसमें भाग लिया। विधि-विधान से पूजा-अर्चना के उपरांत सुबह चार बजे मंगला आरती हुई। मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। लाइन में लगे श्रद्धालुओं ने राजेश्वर महादेव का अभिषेक किया। मंदिर के प्रवेश द्वार पर महिलाओं व पुरुषों की लंबी-लंबी लाइन लगी। कांवडिय़ों को पिछले द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया गया। लगभग 400 कांवड़ मंदिर में चढ़ाई गईं। भीड़ के दबाव से महिलाओं व बच्चों को धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा।

रात में हुई शयन आरती
शाम को छह बजे राजेश्वर महादेव की आरती की गई। इसके बाद शृंगार दर्शन हुए। रात तक मंदिर परिसर भक्ति गीतों और भजनों से गूंजता रहा। श्रद्धालु भजनों व भक्ति गीतों पर थिरकते रहे। रात 12 बजे शयन आरती हुई। इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए। मेला कमेटी के अध्यक्ष संजय उपाध्याय, संयोजक जयंती उपाध्याय, ट्रस्टी डीके वशिष्ठ, पप्पू ठाकुर, पार्षद मधु माहौर, डॉ। केएस वर्मा, दीपक वर्मा, जितेंद्र द्वैपुरिया, ऋषि उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

350 स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्था
मेले में राजेश्वर सेना के साथ ही विहिप, बजरंग दल, योगी आदित्यनाथ युवा ब्रिगेड के 350 स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाली। मंदिर के बाहर उन्होंने लाइनों में लगे श्रद्धालुओं को व्यवस्थित किया।

नहीं पहुंचे पानी के टैंकर
मेला क्षेत्र में नगर निगम ने सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया। मेला क्षेत्र में लगवाए गए टैंकर सुबह ही खाली हो गए थे। आसपास के घरों व दुकानों का सहयोग लेकर उन्हें भरा गया।

चोरी हुए मोबाइल, बिछड़े बच्चे
मेला कमेटी के संयोजक जयंती उपाध्याय ने बताया कि भीड़ में चोर भी सक्रिय रहे। कुछ लोगों के मोबाइल चोरी हुए। सीसीटीवी फुटेज देखकर मोबाइल चुराने वालों को लोगों ने स्वयं पकड़ लिया। मेले में आए लगभग 40 बच्चे परिजन से बिछड़ गए थे, जिन्हें खोया-पाया केंद्र की सहायता से मिलाया गया।

सभी शिव मंदिरों में रही भीड़
रावली, बल्केश्वर, कैलाश मंदिर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर आदि शिव मंदिरों पर भी सुबह से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था। इस दौरान व्यवस्थाओं को संभालने में पुलिस अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।