आगरा: गणेश चतुर्थी पर शनिवार को घरों में देवों में प्रथम पूज्य की प्रतिष्ठा की जाएगी। विधि-विधान से भगवान गणेश का पूजन कर श्रद्धालु मंगल की कामना करेंगे। इस बार कोविड-19 के चलते पंडालों व सार्वजनिक पूजन कार्यक्रमों को अनुमति नहीं मिली है। मंदिरों व घरों में ही गणेश जी की मूíतयां स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाएगी।

गणपति उत्सव चलता है

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी पर शहरभर में उल्लास नजर आता है। मंदिरों, घरों और सोसायटियों में गणपति प्रतिमाएं स्थापित कर उनका पूजन किया जाता है। दो से दस दिन तक गणपति उत्सव चलता है। इस बार कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार सार्वजनिक समारोहों, शोभायात्राओं व पंडालों को जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई है। शनिवार को उप्र में बंदी भी है, जिससे गणपति पूजन मंदिरों व घरों में ही किया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को ही लोगों ने घरों में स्थापना के लिए गणेश जी की छोटी मूíतयों, पूजा के सामान और मोदक की खरीदारी की।

यह है मुहूर्त

पं। ज्ञानेश चतुर्वेदी के अनुसार गणपति स्थापना के लिए सुबह 7:30 से नौ बजे तक और शाम चार से सात बजे तक शुभ मुहूर्त हैं। वहीं, ज्योतिषाचार्य डॉ। सोनू मेहरोत्रा के अनुसार पूजन के लिए सुबह सुबह 11:06 से दोपहर 1:42 बजे तक और प्रतिमा स्थापना को दोपहर 12:30 से 2:40 बजे तक शुभ मुहूर्त है।

ऐसे करें पूजन

व्रती को सुबह स्नान के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लेनी चाहिए। एक कोरे कलश में जल भरकर उसके मुंह पर कोरा वस्त्र बांधकर उसके ऊपर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। गणेश जी को सिंदूर व दूर्वा अíपत कर 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। शाम को गणेश जी का पूजन करें। गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा व आरती करें।

मूíतयों का बाजार 50 फीसद डाउन

सुल्तानगंज की पुलिया पर मूíत बनाने और बेचने वाले मानपाल सिंह ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर मूíतयों का बाजार पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 फीसद डाउन है। लॉकडाउन के चलते हमारे पास बड़ी मूíतयां बनाने को पैसा नहीं था, जिसके चलते छोटी मूíतयां बनाईं। पिछले वर्ष की अपेक्षा कम मूíतयां बनाई हैं। ग्राहक भी कम हैं। लोग आíथक संकट से जूझ रहे हैं।

पूजा की सामग्री से बनाए गणपति

बल्केश्वर के राजा की चार फुट ऊंची प्रतिमा 150 किग्रा पूजा की सामग्री से बनाई गई है। इसे बल्केश्वर के लक्ष्मी निवास पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। कोलकाता से आए कारीगर मुकेश खन्ना ने यह प्रतिमा बनाई है।

सांकेतिक रूप से होगा आयोजन

साईं सेवा मित्र मंडल पिछले 15 वर्षो से साईं-गणेश महोत्सव का आयोजन करता रहा है। समिति सचिव संजय सत्यदेव ने बताया कि इस बार सांकेतिक रूप से आयोजन होगा। दर्शन व आरती में भक्त शामिल नहीं होंगे। आयोजन में समाज सेवा से जुड़े कार्यक्रम अलग-अलग दिन किए जाएंगे।