- मार्केट बंद होने से रात की सफाई है बंद, शहर में जगह-जगह लगा कचरे का ढेर

- वैक्सीनेशन के बाद फीवर और बदन दर्द की कंप्लेन कर छुट्टी जा रहे सफाईकर्मी

आगरा। कोरोना संक्रमण का असर शहर की सफाई व्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। कोरोना से बचाव के लिए सफाईकíमयों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के बाद सफाईकíमयों को फीवर और बॉडी पेन होता है, इसके चलते वह छुट्टी पर जा रहे हैं। सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कई ओपन एरियाज में कचरा बिखरा हुआ है।

सफाईकर्मी ले रहे छुट्टी

नगर निगम में तकरीबन चार हजार सफाई कर्मचारी हैं, जिसमें संविदा, प्राइवेट और नगर निगम के स्थायी कर्मचारी शामिल हैं। सभी वार्डो में कोविड वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के बाद फीवर होने पर सफाईकर्मी चार-पांच दिनों की छुट्टी लेकर जा रहे हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। सेनेटरी इंस्पेक्टर और जेडएसओ को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। कई वार्डो से नियमित कूड़ा उठान नहीं हो पा रहा है। जबकि कोविड संक्रमण के समय कूड़े का नियमित उठान जरूरी है। उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद इलाहावादी ने बताया कि सभी वार्डो में वेक्सीनेशन का काम किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के बाद कर्मचारियों को दिक्कत होती है तो उनको छट्टी पर रहना होता है। दिक्कत दूर होने पर वे काम पर आ जाते हैं।

मार्केट बंद होने से रात की सफाई है बंद

लॉकडाउन होने से शहर में मार्केट बंद हैं। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही निर्धारित समय से खुल रहीं हैं। इसके अलावा पूरी मार्केट बंद हैं। इसके चलते रात की सफाई बंद है। बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020-21 में अच्छी रैंक पाने के लिए नगर निगम ने बाजारों में रात की सफाई शुरू की थी। मुख्य भीड़ वाले बाजारों को चिह्नित कर रात के समय 250 सफाई कर्मचारियों के साथ मशीनों से सफाई की जाती थी। लेकिन, अब बाजार बंद है। तो रात की सफाई को भी बंद कर दिया है। अब केवल दिन के समय ही एक टाइम ही सफाई हो रही है।

कूड़ा न उठने से डस्टबिन व सड़कों पर फैल रहा कूड़ा

कचरा कलेक्शन नहीं होने से डस्टबिन के बाहर कूड़ा सड़कों पर फैल रहा है। शहर के 100 वार्डो में 750 से 800 मीट्रिक टन कूड़ा हर रोज निकलता है। इसे कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर पहुंचाया जाता है। इसमें 452 मीट्रिक टन सूखा कूड़ा, 350 मीट्रिक टन गीला कूड़ा निकलता है। ऐसे में मार्केट बंद है, तो अब थोड़ा कम ही कूड़ा निकल रहा है।

इन एरियाज में गंदगी अधिक

शहर में जो मलिन बस्तियां हैं, वहां ज्यादा गंदगी का आलम पसरा रहता है। बिचपुरी रोड अवधपुरी चौराहा, खेरिया मोड़, कमाल खां की दरगाह के पास, सराय ख्वाजा, जाटव बस्ती, माहौर नगर अवधपुरी के पास, फाउंड्री नगर जगदंबा रोड, शाहदरा चौराहा पुराना खत्ताघर, ख्वासपुरा के पास खाली प्लॉट, खैराती टोला, सोहल्ला ये ऐसे स्थान हैं, जहां डस्टबिन होने के बाद भी कूड़ा सड़क पर बिखरा रहता है। आरबीएस कॉलेज के पास चार डस्टबिन रखे होने के बाद भी कूड़ा सड़क पर बिखरा रहता है। शहर में कूड़ा कलेक्शन और उठान की स्थिति की मॉनीटरिंग करने के लिए जेएडएसओ, सेनेटरी सुपरवाइजर, सेनेटरी इंस्पेक्टर, जोनल सेनेटरी ऑफिसर को जिम्मेदारी दी गई है।

जोन का नाम वार्ड डस्टबिन

हरीपर्वत 21 160

ताजगंज 23 63

लोहामंडी 26 164

छत्ता 30 121

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ये हैं 100 किग्रा से ज्यादा गार्बेज उत्पन्न करने वाले 2350 यूनिट

- पेठा कारोबार

- शूज फैक्ट्री व अन्य इंडस्ट्रीज यूनिट

- कोल्ड स्टोरेज

- अपार्टमेंट एवं ग्रुप हाउसिंग

- बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट

- मैरिज होम

- हॉस्टल

- नìसग होम, हॉस्पिटल

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नोट: अभी इनमें हॉस्पिटल नìसग होम, मैरिज होम को छोड़कर सभी आंशिक रूप से बंद हैं।

100 किग्रा। से कम गार्बेज उत्पन्न करने वाले 3.50 लाख यूनिट

- हाउस होल्ड 3.20 लाख

- दुकानें

- सरकारी कार्यालय

- सब्जी मंडी व अन्य मार्केट

- रोड व अन्य मार्केट

एमटीडी फूलों से तैयार हो रहा कंपोस्ट

शहर के 49 मंदिरों और 187 मैरिज होम से निकलने वाले 2 एमटीडी फूलों से कंपोस्ट तैयार किया जाता है। राजनगर में संचालित इस प्लांट से कंपोस्ट तैयार कर अमेजन एप से बिक्री की जाती है। इसके अलावा कुबेरपुर में 5 एमटीडी का आर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर प्लांट संचालित किया जा रहा है। एक 20 एमटीडी प्लांट से गीले कूड़े से खाद तैयार किया जा रहा है।

बनाए गए हैं 8 ट्रांसफर स्टेशन

शहर में कूड़ा जमीन में न पड़ा रहे, इसके लिए नगर निगम की ओर से 8 ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें एक जूतामंडी के पास राजनगर लोहामंडी, ताजगंज में पुरानी मंडी चौराहा, ताजमहल के पूर्वी गेट के पास ताजगंज, संजय प्लेस स्थित सीडब्ल्यूआर के सामने, ट्रांसपोर्ट नगर स्थिति आईएसबीटी के पीछे पर ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए हैं। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बाद स्टेशनों पर गीला और सूखे कूड़े को अलग-अलग किया जाता है।

शहर में नियमित रूप से सफाई हो रही है। अगर किसी को प्रॉब्लम है, तो छुट्टी दी जाती है। चार हजार सफाई कर्मचारी हैं। सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग होती है। हर रोज जेएडएसओ समेत अन्य अधीनस्थों से रिपोर्ट ली जाती है।

निखिल टीकाराम फुंडे, नगर आयुक्त आगरा