आगरा(ब्यूरो)। इसकी पुष्टि खाद्य डिपार्टमेंट के आंकड़े कर रहे हैं। सवा दो साल में मावा व पनीर के एकत्र नमूने के सापेक्ष 87 प्रतिशत नमूने फेल हुए हैं। ये स्थिति तब है जब खाद्य सुरक्षा विभाग की छह टीमें शहर मेें एक्टिव है।

जिम्मेदार बोले लोगों को कर रहे अवेयर
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) सहायक आयुक्त अमित कुमार सिंह के निर्देश पर विभाग द्वारा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य सामग्रियों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए छापेमारी व नमूने एकत्र किए जाते हैं। गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने को प्रयोगशाला भेजते हैं। विभाग द्वारा लोगों को अवेयर करने के लिए लगातार अभियान भी चलाया जाता है। ताकि लोग मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रति अलर्ट रहे। लेकिन जिले में मिलावटी मावा व पनीर की बिक्री लगातार हो रही है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने वर्ष 2021-22 व 2023-24 (जून तक) कुल 263 मावा व पनीर के नमूने एकत्र किए गए। 229 खाद्य सामग्रियों के नमूने फेल हुए हैं। इससे विभागीय कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

मिल्क प्रोडेक्ट के नमूने फेल
मिल्क से क्रीम निकाल कर अलग कर लेते हैं। उसके बाद अरारोट का मिश्रण तैयार कर मिल्क में मिला देते हैं। इससे वह मिल्क की तरह गाढ़ा हो जाता है। फिर, इसके बाद पनीर बनाते हैं। जिसको आसानी से मार्केट में सेल किया जाता है। दूध से बने अधिकतर प्रोडेक्ट फेल हो चुके हैं।

भारी मात्रा में मावा हो रहा तैयार
मिल्क के पाउडर में पाम ऑयल का उपयोग करके नकली मावा तैयार करते हैं। जो लोगों के सेहत को बिगाडऩे का काम कर रहा है। रावतपाड़ा स्थित खोआ मंडी में भारी मात्रा में खोए की बिक्री की जाती है, यहां से आसपास के जिलों मेें भी मावा को सप्लाई किया जाता है।

करते हैं केमिकल का प्रयोग
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि चिप्स, कुरकुरे और अन्य फूड प्रोडक्ट में केमिकल मिलाकर उसे स्वादिष्ट बनाया जाता था। मौके पर पोटेशियम क्लोराइड केमिकल भी मिला है। तैयार माल को होली के मौके पर बाजार में भेजने की तैयारी थी। फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में नकली खाद्य पदार्थ, लाल मिर्च समेत कई सामग्री बरामद की गई है।
2021-22 वर्ष की स्थिति
964-लिए खाद्य वस्तु के नमूने
482-मुकदमे कराए गए दर्ज
73-अवेयर कार्यक्रम

2022-23 वर्ष की स्थिति
997-लिए खाद्य वस्तु के नमूने
849-मुकदमे कराए गए दर्ज
162-अवेयर कार्यक्रम

2023-24 (जून तक)
112-लिए गए खाद्य वस्तुओं के नमूने
230-मुकदमे किए गए दर्ज
11-अवेयर कार्यक्रम

वर्ष, मावा, पनीर
2021-22,- 59, 45
2022-23,- 72, 67
2023-24,- 3, 7

फेल नमूने
वर्ष, मावा, पनीर
2021-22- 39, 33
2022-23,- 65, 67
2023-24,- 13,12


तीन दिन में सबसे अधिक नमूने
-सोमवार को लिए नमूने
16
-मंगलवार केा लिए गए नमूने
05
-बुधवार को लिए गए नमूने
15

खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र कर उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है। नमूने फेल होने पर कानूनी कार्रवाई भी कराई जाती है। नकली खाद्य पदार्थों के प्रति लोगों को अवेयर करने का काम भी डिपाटमेंट द्वारा किया जाता है।
राजेश गुप्ता, फूड सेफ्टी ऑफिसर


खाद्य पदार्थो में मिलावटी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है, अधिकतर बच्चे इस प्रोडेक्ट को ले रहे हैं, इसके सेवन से गले में जलन, पेट में दर्द, उल्टी आना, पेट में मरोड़ होना, चेस्ट पेन और हार्टबीट का बढऩे जैसी समस्या अक्सर सामने आती हैं।
डॉ। प्रभात अग्रवाल