- कोरोना में कारगर साबित हो रही है होम्योपैथिक, आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

- 10 हजार से अधिक मरीज होम्योपैथिक दवा से हुए स्वस्थ आगरा में

- गाइडलाइन के अनुसार लक्षणविहीन व हल्के लक्षण वाले मरीजों को देख सकेंगे होम्योपैथिक डॉक्टर

- कोरोना में दी जाने वाली दवाओं का शेड्यूल भी जारी किया

आगरा। आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी कोरोना के मरीजों को देखने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक इन चिकित्सकों को लक्षणविहीन और शुरुआती लक्षण वाले मरीजों को देखना है। आगे की स्टेज वाले मरीजों को उच्चस्तरीय अस्पतालों में रेफर कर देना होगा। आगरा में होम्योपैथी के डॉक्टर्स ने इसकी सराहना की है।

प्रोटोकॉल करना होगा फॉलो

मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कर रहे हैं, उन्हें होम्योपैथिक डॉक्टर देख सकते हैं। उन्हें मरीजों को कोरोना का पूरा प्रोटोकॉल फॉलो कराना होगा। जैसे दो गज की दूरी लागू कराना, मास्क पहनवाना, हाथ लगातार धुलवाने की सलाह देना।

मरीज की हालत देखकर दें दवा

गाइडलाइन में कहा गया है कि लक्षणविहीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम्योपैथिक डॉक्टरों को आरसेनिकम एलबम 30 सी की चार गोली दिन में दो बार सात दिन तक देना होगा। इसी प्रकार हल्के लक्षण वाले मरीजों को एकोनिटम नेपोलस, आरसेनिकम एलबम, बेलाडोना, बरयोनिया एलबा, इयूपाटोरियम परफोलियटम, फेरम फास्फोरिकम, गलसेमियम, फास्फोरस, रस टाक्सिकोडेंड्रम दवाएं चलेंगी। दवा की खुराक डॉक्टर मरीज की हालत को देखकर तय करेगा।

ऑक्सीजन लेवल का रखना होगा ध्यान

इसके अलावा किसी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लक्षणविहीन व्यक्ति को आरसेनिकम एलबम 30 सी की चार गोली दिन में एक बार सात दिन तक देना होगा। गाइडलाइन के मुताबिक होम्योपैथिक डॉक्टर को मरीज के लक्षणों पर लगातार नजर रखनी होगी। मरीज का बुखार और ऑक्सीजन स्तर को दिन में दो बार जांचना होगा। उसे घर से निकलने और घर में भी सामाजिक दूरी बनाने की हिदायत देनी होगी।

100 प्रतिशत सफल रही होम्योपैथी

आगरा के होम्योपैथिक डॉक्टर्स ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। होम्योपैथिक के डॉ। केएस कौशल ने बताया कि हमने पत्राचार के माध्यम से केंद्र सरकार और आयुष मंत्रालय को बार-बार बताया कि होम्योपैथिक कोरोना के उपचार में कारगर है। इसका खर्चा भी काफी कम है और मरीजों पर इसका कोई पोस्ट इफेक्ट भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बीते साल मैंने 30 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में ठीक किया। इस बार भी 25 से अधिक मरीजों को होम्योपैथिक दवाओं के माध्यम से ठीक किया है, वे सभी स्वस्थ हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं हैं।

मौत का रेशियो काफी कम

नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप गुप्ता ने बताया कि आगरा में हमने पिछले साल रिसर्च किया था और सरकार को कोरोना में कारगर दवाओं के बारे में अवगत कराया था। दूसरी वेव में भी ये दवाएं कारगर साबित हुई हैं। उन्होने बताया कि हमारे यहां पर अब तक 10500 कोरोना के मरीज देखे गए हैं, इनमें से केवल 258 मरीजों को एडमिट करने की जरूरत पड़ी। उन्होंने बताया कि इनमें केवल चार मरीजों की डेथ हुई। जिनमें मौत का कारण हार्ट का इंवॉल्व होना या अन्य कारण रहे।

वर्जन

सरकार का होम्योपैथिक डॉक्टर्स को कोरोना के मरीजों को देखने की अनुमति देना स्वागत योग्य कदम है। हम लगातार पत्राचार के माध्यम से सरकार को अवगत करा रहे थे कि होम्योपैथिक कोरोना के इलाज में प्रभावी है और इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट से ब्लैक फंगस का भी खतरा नहीं हैं।

-डॉ। केएस कौशल, होम्योपैथिक डॉक्टर

होम्योपैथिक में हमने पिछले साल ही कोरोना पर कारगर दवाएं ढूंढ़ ली थीं। अब तक हमने साढ़े दस हजार मरीजों का उपचार किया है। इसमें से केवल चार मरीजों की मौत हुई। केवल 258 मरीजों को ही हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा। सरकार के इस फैसले से लोगों में होम्योपैथी में विश्वास बढ़ेगा।

-डॉ। प्रदीप गुप्ता, प्रिंसिपल, नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज

खान-पान के लिए दिशा-निर्देश

- गर्म पानी में हल्दी-नमक डालकर गरारा करें

- खाना ताजा और आसानी से हजम हो जाने वाला खाएं। प्रोसेस्ड फूड को नजरअंदाज करें।

- वसा, तेल, चीनी और नमक के अत्यधिक सेवन से परहेज करें।