आगरा। कोरोना महामारी में होम्योपैथी पूरी तरह से कारगर है और इसका कोई साइड इफैक्ट भी नहीं है। इसके साथ ही इसकी कॉस्ट भी काफी कम है। ऐसा होम्योपैथिक रिसर्च सेंटर आगरा के डायरेक्टर डॉ। केएस कौशल ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा। उन्होंने कहा कि मैंने 15 फरवरी 2020 में ही कोरोना की शुरूआत में ही बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए बॉडी में अच्छी इम्युनिटी का होना आवश्यक है। डॉ। कौशल ने कहा कि वे बीते 15 माह से होम्योपैथिक रिसर्च के कार्य में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि वे अब तक अपने इस रिसर्च में कोरोना की पहली लहर में 30 कोरोना रोगियों और दूसरी लहर में 25 कोरोना रोगियों को पूर्णतया स्वस्थ कर चुके हैं। उन्हें अब तक कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक के उपचार में प्रत्येक रोगी के पांच हजार रुपए से भी कम रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि रिसर्च के दौरान उन्होंने पहली लहर में 700 लोगों और दूसरी लहर में 300 लोगों को प्रोफाइलैक्सिस ड्रग दी। इनमें से किसी को भी कोरोना का संक्रमण नहीं हुआ। डॉ। कौशल ने भारत सरकार को होम्योपैथिक चिकित्सकों को कोविड मरीजों के उपचार की अनुमति देने के लिए धन्यवाद कहा, लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लेकिन इसमें सरकार ने देरी कर दी।