युवाओं की समस्या कोई नहीं उठाता
मोशन अकादमी में आयोजित राजनी-टी में युवाओं का कहना था कि महंगाई, विकास समेत तमाम मुद्दे संसद में गूंजते हैं। लेकिन युवाओं के रोजगार का कोई मुददा नहीं उठाता। लंबे इंतजार के बाद कोई गवर्नमेंट वैकेंसी निकलती है। कैंडिडेट फॉर्म भरता है तो महीनों बाद एग्जाम होता है। इसके कई महीने बाद रिजल्ट आता है। जब तक कैंडिडेट ओवरएज हो जाता है।



हम तो वोट उसी को देंगे, जो युवाओं की समस्या उठाएगा। युवा परेशान है। अच्छे कॉलेज में एडमिशन से लेकर नौकरी तक के लिए भटकना पड़ता है।
दिलीप कुमार

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम लगातार ऊंचा होना चाहिए। वोटिंग का अधिकार ऑनलाइन नहीं होना चाहिए। इससे वोट का मिसयूज हो सकता है।
करन पहाडिय़ा


बेरोजगारी मुद्दा तो है, लेकिन इतना बड़ा नहीं है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में इसको लेकर काफी काम हुआ है।
शिवम


न्यू एजुकेशन पॉलिसी युवाओं को केंद्रित करती है रोजगार के प्रति। लेकिन इस प्रणाली में एग्जाम अधिक हो रहे हैं, लेकिन क्लासेस कम लग रहीं है। बच्चे लगातार एग्जाम मोड में रहते हैं।
विवेक शर्मा

इन मुद्दों पर परखे जाएंगे प्रत्याशी
- ऐसा प्रत्याशी जो अच्छी छवि का हो, विवादों से दूर हो
- युवाओं से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने वाले प्रत्याशी
- युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए प्रयास करें
- महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों को प्राथमिकता दें
- ऐसी सरकार जो देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करे
- भ्रष्टाचार से दूरी बनाए रखे


चर्चा में ये बिंदु भी सामने आए
- युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े, बल्कि युवाओं की एजुकेशन के अनुसार उन्हें रोजगार देने के लिए सिस्टम तैयार करना चाहिए
- शिक्षा प्रणाली इस तरह की होनी चाहिए, जो स्टूडेंट्स के लिए रोजगार परक हो, उनमें स्किल्स डेवलप हो
- लोगों की बुनियादी सुविधाओं के प्रति भी संवेदनशीलता रखे जनप्रतिनिधि
- महिलाओं को सरकारी कार्यालयों में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े

फस्र्ट वोटर

मैं पहली बार आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान करूंगा। अपने पहले वोट को लेकर काफी एक्साइटेड हूं। अपना वोट ऐसे प्रत्याशी को करूंगा जो देश में बदलाव के लिए कार्य करे। युवाओं से जुड़े मुद्दों को हमेशा प्राथमिकता दे। शिक्षा के साथ रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करे। ऐसे प्रत्याशी को ही मैं वोट करूंगा।
सोहम शर्मा


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युवाओं के सर्टिफिकेट आसानी से बनें
युवाओं को जॉब, एडमिशन समेत अन्य प्रक्रियाओं के लिए कई तरह के सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। बल्कि सरकारी दफ्तरों में युवाओं के लिए एक अलग से विंडो बनानी चाहिए।

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चुनाव के बाद भी दिखे प्रत्याशी
चुनाव के दौरान तो प्रत्याशी क्षेत्र में नजर आते हैं। लेकिन इलेक्शन में जीत के बाद वह गायब हो जाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। राजनी-टी में लोगों का कहना था कि वह ऐसे प्रत्याशी को वोट करेंगे जो उनके बीच में रहता हो। उनके हर सुख और दुख में शामिल होता हो।
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स्वास्थ्य सुविधा हो बेहतर
लोगों का कहना था कि हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा हुआ है। मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं में इजाफा हुआ है। हेल्थ सेंटर भी खोले जा रहे हैं। लेकिन अब यहां डॉक्टर्स की संख्या में भी इजाफा होना चाहिए, जिससे लोगों को सुविधा मिल सके। तभी इस इंफ्रास्ट्रक्चर का सही इस्तेमाल हो सकेगा।