11 अप्रैल को आया था फोन

साइबर अपराधियों की ठगी की शिकार न्यू आगरा क्षेत्र निवासी स्तुति हुईं। उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना 11 अप्रैल की है। उनके मोबाइल पर फोन आया। दूसरी ओर से बात करने वाले ने कहा कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बोल रहा है। उनसे कहा कि ऑनलाइन जो सामान मंगाया था, इसमें प्रतिबंधित ड्रग्स मिला है। जिस पर उनके खिलाफ मामला बनता है। अभियोग दर्ज किया जा रहा है। इससे वह घबरा गईं।


क्राइम ब्रांच वाले ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद उनसे स्काइप एप पर बात करने को कहा। इसमें मोबाइल नंबर नहीं आता है। बातचीत रिकार्ड नहीं होती है। मदद के नाम पर मुंबई क्राइम बांच का अधिकारी बनकर बात करने वाले ने उनसे 22 लाख रुपये ठग लिए। मदद के नाम पर जब और रकम मांगी गई तो उन्हें शक हुआ। छानबीन की तो पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गई हैं। पीडि़ता ने पुलिस आयुक्त डा। प्रीङ्क्षतदर ङ्क्षसह से मुलाकात की। आरोपियों का पता लगा उनके खिलाफ कार्रवाई को प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस आयुक्त के अनुसार आरोपियों का पता लगाने को रेंज साइबर थाने और साइबर सेल की मदद ली जा रही है।
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ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो बरतें यह सतर्कता
-साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक सुल्तान ङ्क्षसह के अनुसार ऑनलाइन खरीदारी करते हैं तो सतर्कता बरतें। साइबर अपराधी रोज नए तरीके अपना रहे हैं। इन बातों का ध्यान रखकर धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
-इस तरह की किसी भी काल पर विश्वास न करें कि उनके खिलाफ अभियोग दर्ज किया जा रहा है।
-नजदीकी थाने या साइबर सेल जाकर संपर्क करें। उन्हें पूरा मामला बताएं।
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ये है स्काइप
स्काइप साफ्टवेयर एप्लीकेशन है। जो यूजर को वायस और वीडियो काल करने की सुविधा देती है।