आगरा। काउंसिल आफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) ने 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम शनिवार को जारी कर दिया। जिले के 100 फीसद विद्यार्थियों ने इस बार सफलता पाई है।

नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया रिजल्ट

भले ही कोरोना संक्रमण के कारण बोर्ड परीक्षा रद हुई और विद्यार्थी अपनी मेहनत को मनमाफिक नतीजे में तब्दील नहीं कर पाए। सीआईएससीई ने पिछली कक्षाओं के प्रदर्शन को आधार बनाकर मूल्यांकन फॉर्मूला तैयार कर परिणाम शनिवार को जारी किया। कोरोना संक्रमण की आशंकाओं की बीच परिणाम जारी होते ही स्कूलों ने अपने विद्यार्थियों के अंक ¨प्रट कराकर नोटिस बोर्ड पर चस्पा करा दिए। लेकिन एक-दो को छोड़कर किसी भी स्कूल का गेट विद्यार्थियों के लिए नहीं खुला। विद्यार्थी भी सीमित संख्या में स्कूलों पर पहुंचें।

सिर्फ स्कूल टॉपर की रही खोज

सीआईएससीई का परिणाम जारी होते ही स्कूलों के बीच टॉपर तलाशने की होड़ शुरू हो जाती थी। इस बार बिना परीक्षा पिछले प्रदर्शन के आधार पर जारी हुए परिणाम के कारण न टॉपर को लेकर कोई जिद्दोजहद हुई, न ही विद्यार्थी ही टापर के बारे में जानने को उत्साहित थे। हालांकि स्कूलों ने औपचारिकता पूरी करते हुए स्कूल टॉपर जरूर घोषित किए, ताकि उनका उत्साह बना रहे।

यह है जिले का हाल

जिले में सीआईएससीई से संबद्ध 16 स्कूल हैं, जिनमें 10वीं और 12वीं में करीब साढ़े पांच हजार विद्यार्थियों ने इस वर्ष अपना पंजीकरण कराया था।

सेंट पीटर्स कॉलेज के 100 परसेंट स्टूडेंट्स पास हुए हैं। कोविड 19 के चलते इस बार एग्जाम रद्द हो गए थे। सभी स्टूडेंट्स ने अच्छे मा‌र्क्स प्राप्त किए हैं। फिर भी अगर स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्हें मा‌र्क्स कम मिले हैं, तो बोर्ड की ओर से दोबारा मूल्यांकन की भी व्यवस्था की गई है। वह उसके लिए एप्लाई कर सकता है।

फादर एंड्रू कोरेया, प्रिंसिपल, सेंट पीटर्स कॉलेज

कहीं विद्यार्थी हुए संतुष्ट, तो कहीं असंतुष्टि का भाव

आगरा। काउंसिल आफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) ने 10वीं और 12वीं का परिणाम जारी किया, तो विद्यार्थियों में उसके बारे में जानने को लेकर उत्सुकता थी। हालांकि प्राप्त अंकों को लेकर कुछ विद्यार्थियों ने असंतोष भी जाहिर किया, लेकिन बिना परीक्षा ठीक-ठाक अंक आने पर तमाम विद्यार्थी संतुष्ट भी नजर आए।

12वीं में 91 फीसद मिले हैं, जबकि 10वीं में भी 91 फीसद ही थे। प्राप्त अंकों को लेकर थोड़ा असंतुष्ट हूं क्योंकि होम एग्जाम में जिनके अंक मुझसे कम थे, उन्हें इसमें ज्यादा अंक मिल गए हैं।

श्लोक मित्तल, छात्र

12वीं में 96.5 फीसद हैं, जबकि 10वीं में 95.8 फीसद थे। इंग्लिश में अंक थोड़े कम आए हैं। मूल्यांकन फॉर्मूले में पारदर्शिता की कमी लगी।

अंश भारद्वाज, छात्र

12वीं में 89 फीसद आए हैं, जबकि 10वीं में भी इतने ही थे। अब परीक्षा दी नहीं, तो इतना भी ठीक ही लग रहे हैं, लेकिन इंग्लिश में अंक थोड़े कम लग रहे हैं।

अर्श कपूर, छात्र

12वीं में 88.25 फीसद मिले हैं, जबकि 10वीं में 88 फीसद थे। इंग्लिश में अंक कम लग रहे हैं, बाकी परिणाम से संतुष्ट हूं।

तल्हा शम्शी, छात्र

12वीं में 98.25 फीसद आए हैं, जबकि 10वीं में 97.4 फीसद थे। पेपर दिए नहीं थे, पिछले परिणाम के आधार पर अंक मिले हैं, तो कुछ नहीं कह सकते। अब आगे की तैयारी करनी है।

घ्रुव अग्रवाल, छात्र

12वीं में 98.25 फीसद आए हैं, जबकि 10वीं में 93.8 फीसद हैं। इंग्लिश में अंक थोड़े कम लग रहे हैं, बाकी परिणाम संतोषजनक है।

मो। आमिश, छात्र

10वीं में 96.83 फीसद आए हैं। हालांकि बोर्ड परिणाम आने से पहले थोड़ा डर लग रहा था, लेकिन अब संतुष्ट हूं।

अनुष्का, छात्रा

10वीं में 95.6 फीसद आए हैं। बिना परीक्षा फार्मूला से मूल्यांकन हुआ है, जिसको लेकर तमाम आशंकाएं थीं। अब खुश हूं

दिव्या राठौर, छात्रा

12वीं में 98.67 फीसद आए हैं। परीक्षा न होने से पिछड़ने की आशंका थी। हालांकि परिणाम थोड़ा लेट हुआ, लेकिन खुश हैं।

गीतिका शर्मा, छात्रा

12वीं में 94.2 फीसद आए हैं। हालांकि इससे बेहतर आने की उम्मीद थी। कुछ विषय में उम्मीद से कम अंक मिले हैं।

अनुशा कुलश्रेष्ठ, छात्रा

10वीं में 93.2 फीसद आए हैं। बिना परीक्षा दिए इतने अंक आना हालांकि ठीक है। परीक्षा होती तो और बेहतर कर सकते थे।

आर्य चाहर, छात्र

12वीं में 93.25 फीसद आए हैं। परिणाम से थोड़ा नाखुश हूं। ज्यादा की उम्मीद थी। कुछ विषय में कम अंक मिले हैं।

अंशिका शर्मा, छात्रा

10वीं में 95 फीसद अंक मिले हैं, बिना परीक्षा के परिणाम को लेकर आशंकित थे, लेकिन अब ठीक लग रहा है।

खुशी शर्मा, छात्रा