आगरा(ब्यूरो)। नगर निगम राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत शहर स्तरीय स्वच्छ वायु कार्य योजना और लक्षित सूक्ष्म कार्य योजना लागू कर रहा है। डब्ल्यूआरआई इंडिया अपने एक्सेलेरेटर फॉर क्लीन एयर एक्शन (आकाश) पहल के तहत इन प्रयासों में नगर निगम को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।

वर्ष 2026 तक टारगेट

एक्सपट्र्स ने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि सड़क की धूल, वाहन से निकलता धुआं, निर्माण कार्य, बायोमास जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन शहर में वायु प्रदूषण में योगदान देने वाली कुछ प्रमुख गतिविधियां हैं। पांच साल के एनसीएपी के तहत 2026 तक एयर पॉल्यूशन यानी पीएम10 और पीएम2.5 पार्टिकल्स को 30-40 परसेंट तक कम करने का लक्ष्य रखा।

आवश्यक कदम उठाने की जरूरत
डीएफओ आदर्श कुमार ने कहा कि आगरा में वायु प्रदूषण अहम मुद्दों में से एक है। सभी विभागों के सहयोग और समन्वित कार्य शहर की हवा साफ रखने में मदद कर सकते हैं और अन्य शहरों के लिए एक उदाहरण पेश कर सकते हैं। ताज ट्रेपेजिएयम जोन पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाये गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक कई विभाग एक साथ काम करते हैं। हम धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए स्वच्छ निर्माण पद्धत्तियों को अपनाने, सड़कों के किनारे की पट्टियों में छिद्रयुक्त टाइल्स का उपयोग करने, सड़कों और फुटपाथों के किनारे हरियाली बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं। साथ ही आगरा की हवा साफ रखने के तहत किए जा रहे प्रयासों की प्रगति को समझने लिए एक प्रणाली की भी आवश्यकता है। डब्ल्यूआरआई इंडिया के क्लीन एयर एक्शन के कार्यक्रम निदेशक श्रीकुमार स्वामी ने कहा कि इस वर्कशॉप का उद्देश्य एयर पॉल्यूशन कम करने में भूमिका निभाने वाली एजेंसियों और विभागों में समन्वय बनाकर कार्य करना है। वर्कशॉप में नगर निगम के पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण, स्वच्छ भारत मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडेय, यूपीपीसीबी के आरओ डॉ। विश्वनाथ शर्मा आदि मौजूद रहे।