- एएसआई संरक्षित स्मारक के नजदीक काट दी गई कॉलोनी

- एडीए को भी नहीं जानकारी

आगरा। ऐतिहासिक धरोहरों से छेड़छाड़ की जा रही है और जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं। एएसआई संरक्षित स्मारक की 300 मीटर की परिधि में नया निर्माण नहीं किया जा सकता। पर दुस्साहस तो देखिए सिकंदरा टॉम्ब के पास पूरी कॉलोनी काट दी गई। प्लॉट की बाउंड्रीवॉल की जा रही है। संबंधित विभाग के अधिकारी इस सबसे बेसुध हैं।

कॉलोनी के प्रचार भी हो रहा

दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट टीम बुधवार को सिकंदरा स्मारक के पीछे स्थित विनायक नगर क्षेत्र में पहुंची, तो चौंकाने वाली तस्वीर दिखी। स्मारक से कुछ मीटर की दूरी पर ही अवैध निर्माण होता मिला। एक प्लॉट की बाउंड्री की जा रही थी। बोर्ड लगाकर कॉलोनी का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। बोर्ड पर लिखा है प्लॉट ही प्लॉट। प्लॉट लेने के लिए संपर्क करें। इसके नीचे दो कॉन्टेक्ट नंबर भी लिखे हुए हैं। जबकि नियमों के अनुसार किसी भी एएसआई प्रोटेक्टेड मॉन्यूमेंट की 300 मीटर की परिधि में कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता है। जबकि इस कॉलोनी का निर्माण 300 मीटर की परिधि में ही हो रहा है।

एएसआई को नहीं जानकारी

एएसआई (आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) सभी प्रोटेक्टेड मॉन्यूमेंट्स का सरंक्षण करती है। उसमें मरम्मत से लेकर उसकी देखभाल तक एएसआई की जिम्मेदारी होती है। सिकंदरा स्मारक के नजदीक विनायक नगर में एएसआई की परिधि में निर्माण कार्य होने की जानकारी एएसआई को नहीं है।

एडीए को भी नहीं होश

आगरा के भीतर कोई भी कॉलोनी कटने या कोई निर्माण होने से पहले आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी से परमिशन लेनी होती है। इसके लिए एडीए से नक्शा पास कराना होता है। अपने प्रोजेक्ट के बारे में उन्हें डिटेल देनी होती है। इसके बाद एडीए पूरे निर्माण कार्य की समीक्षा करती है। सब कुछ ठीक होने के बाद ही उस प्रोजेक्ट को एनओसी दी जाती है।

दो साल की कैद का है प्रावधान

प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल व अवशेष नियम 1959 के नियम 38 के तहत पहले अवैध निर्माण करने वाले व्यक्ति को नोटिस दिया जाता है। इसके बाद प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष (विधि मान्यकरण एवं संशोधन) अधिनियम 2010 की धारा 30 ए के तहत संपत्ति मालिक को दो साल का कारावास या एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। विशेष परिस्थितियों में कारावास व जुर्माना दोनों भी हो सकता हैं।

एएसआई की टीम मॉन्यूमेंट के आसपास मुआयना करेगी। किसी भी निर्माण के मिलने पर उसे नोटिस दिया जाएगा। कार्रवाई भी की जाएगी।

-वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद

निर्माण कार्य की कोई जानकारी नहीं है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।

-आरके त्रिपाठी, सचिव एडीए