आगरा(ब्यूरो)। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि निजी अस्पताल सेवा प्रदान करने के साथ साथ उसकी प्रतिमाह रिपोर्टिंग भी करें, जिससे जिले में परिवार नियोजन सेवाओं टीकाकरण और प्रसव की वास्तविक स्थिति का आंकलन किया जा सके और जिले का सूचकांक भी बेहतर हो।

12.9 फीसदी अनमेट नीड
एसीएमओ डॉ। संजीव वर्मन ने बताया कि एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार जिले का अनमेट नीड (जो कोई भी परिवार नियोजन का साधन यूज नहीं करते) 12.9 फीसदी है। इसका आशय है कि हर 100 में 14 से 15 महिला या पुरुष ऐसे हैं जो परिवार नियोजन का साधन अपनाना चाहते हैं लेकिन इन साधनों की जानकारी या पहुंच उन तक नहीं है। यह पहुंच बनाने में निजी क्षेत्र की भी अहम भूमिका है। नोडल अधिकारी डॉ। पीके शर्मा ने बताया कि मध्यम वर्गीय परिवारों को परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोडऩे में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे परिवारों के योग्य दंपति को 'बॉस्केट ऑफ च्वाइसÓ के सभी साधनों की जानकारी देने के साथ उन्हें सेवा दिलाई जाएं। साथ ही जो लोग निजी क्षेत्र से सेवा ले रहे हैं उनकी रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग से साझा की जाए। नोडल अधिकारी ने बताया कि सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया की मदद से जिले में 100 से अधिक निजी अस्पतालों को परिवार नियोजन संबधित गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है।

सफल बनाएंगे अभियान
कार्यक्रम की प्रतिभागी निजी क्षेत्र डॉ। सीमा सिंह कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है। उनका का प्रयास रहेगा कि समुदाय से आने वाले लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूक करें और उन्हें साधन भी उपलब्ध करवाएं। साथ ही उनके अस्पताल आने वाले दंपति को सेवा देने के साथ साथ उनकी रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित करेंगी।

यह रहे मौजूद
बैठक में डिविजनल स्वास्थ्य सलाहकार मो। इरशाद, अर्बन कोऑर्डिनेटर आकाश गौतम, राजेश डिविजनल अकाउंट ऑफिसर, वरिष्ठ प्रबंधक प्रोग्राम-पीएसआई इंडिया शुभ्रा त्रिवेदी, पीएसआई इंडिया के मैनेजर प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन अनिल द्विवेदी, पीएसआई इंडिया टीम से पंकज और सोनल मौजूद रहे।