आगरा.एसएसपी सुधीर कुमार सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में निगरानी रखने के लिए पुलिस को एक्टिव मोड पर रहने के दिशा-निर्देश दिए हैं। अभी तक एक के जरिए पच्चीस हजार से अधिक क्रिमिनल्स को जिले में लिस्टेड किया गया है, वहीं सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी की घोषणा के बाद एक बार फिर से लिस्ट को अपडेट किया जाएगा। ऐसे क्रिमिनल जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं, उनका ब्यौरा भी लिया जाएगा।


जोन में एक लाख से अधिक क्रिमिनल्स लिस्टेड
विधान सभा चुनाव में क्रिमिनल्स पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशन पहचान का सहारा लिया जा रहा है। एडीजी जोन राजीव कृष्ण द्वारा आठ महीने पहले ऑपरेशन पहचान की शुरूआत की थी। अब ऑपरेशन पहचान के जरिए चुनाव में गड़बडी फैलाने वालों पर शिकंजा कसने का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अंतर्गत कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से सॉफ्टवेयर, वेब एप और मोबाइल एप तैयार किया गया था। इसमें जोन के आठ जिलों आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस, एटा और कासगंज के सभी थानों के दस वर्ष के अपराध की फीडिंग की गई। इसके बाद वेरीफिकेशन शुरू किया गया है। जोन में अब तक एक लाख चौदह हजार से अधिक क्रिमिनल्स का वेरीफिकेशन कर लिया गया है। वर्तमान में चुनाव से पहले इसे अपडेट किया गया है।

हाइट, हुलिया के साथ एप में लोकेशन
चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीसीटीएनएस में अपराध का रिकार्ड है और त्रिनेत्र एप अपराधी को सर्च करने के लिए मदद ली जा रही है। त्रिनेत्र एप में अपराधी का फोटो अपलोड करने पर उसके नाम और पते के बारे में जानकारी मिलती है। मगर, पहचान एप पर एक तो अपराधी को सर्च करने के कई तरीके हैं। उसको हाइट, हुलिया, पहचान चिह्न, अपराध के माध्यम से भी सर्च किया जा सकता है। खास बात यह है कि पहचान एप से अपराधी का पूरा रिकॉर्ड सामने आ जाएगा। ऐसे में चुनाव में गड़बड़ी फैलाने वाले लोगों का वर्तमान ब्यौरा तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही आवश्यकता पडऩे पर उनको पाबंद भी किया जाएगा।


क्रिमिनल्स की इस तरह रहेगी डिटेल
क्रिमिनल्स पर शिकंजा कसने के लिए उनके घर जाकर उनसे बात की जाएगी कि वह वर्तमान में क्या कर रहे हैं, उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री क्या है, और वह वर्तमान समय में क्या कर रहे हैं। अगर वो जमानत पर रिहा हैं तो उसकी जमानत देने वाले कौन-कौन हैं। इसके साथ ही वह एक्टिव है या इनएक्टिव हैं। इसकी भी जानकारी मिल जाएगी। वेरीफिकेशन के समय क्रिमिनल्स के घर की लोकेशन भी एप में फीड हो जाती है। इससे उसका घर खोजने में आसानी रहती है। इसके साथ ही उसके नजदीकी रिश्तेदार और दोस्त, परिवार के सदस्यों की भी डिटेल ली जाएगी।

अरेस्टिंग पर तत्काल मिलेगा नोटिफिकेशन
अब तक अपराधी पकड़े जाने पर अपना अपराध छिपा लेता था। पहचान सॉफ्टवेयर से वह ऐसा नहीं कर पाएगा। जोन के किसी जिले का अपराधी यदि दूसरे जिले में किसी अपराध में गिरफ्तार होने पर पिछले अपराध की भी जानकारी हो जाएगी। उसका नाम और पता साफ्टवेयर में फीड करते ही उसके मूल निवास के जिले में बीट सिपाही से लेकर एसपी तक इसका नोटिफिकेशन पहुंच जाएगा। इससे उन्हें जानकारी हो जाएगी कि उनके यहां का अपराधी किस अपराध में दूसरे जिले में गिरफ्तार हुआ है।


इलेक्शन में इस तरह करेगा वर्क
-इस साफ्टवेयर और एप के जरिए सिपाही से लेकर एडीजी तक जुड़े हैं। सभी अपने-अपने कार्यक्षेत्र के क्राइम और इलेक्शन के दौरान क्रिमिनल्स के मूवमेंट और उनके अपराधों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ले सकते हैं।

-एक लाख से से अधिक अपराधियों का डाटा फीड है। सभी की रैंकिंग मौजूद होने के कारण बीट से लेकर जोन तक के टॉप टेन क्रिमिनल्स शामिल हैं।

चंद सेकेंड में मिलेगी जानकारी
इलेक्शन के दौरान किसी भी तरह का अपराध होने पर किसी अपराधी के बारे में जानकारी करनी है तो चंद सेकेंड में हो जाएगी। वह जेल से बाहर है कि अंदर है। एक्टिव है या इनएक्टिव, मोबाइल नंबर सहित पूरी जानकारी और फोटो मिल जाएगा। अपराधी, उसके जमानतदार और परिजन के मोबाइल नंबर चंद सेकेंड में पुलिस को मिल जाएंगे। विधान सभा चुनाव के समय घटना होने के बाद समय रहते क्रिमिनल तक पहुंच सकेगी पुलिस।

-जोन में लिस्टेड क्रमिनल्स
1,00014 लाख
-जिले में क्रिमिनल्स
25000
-जिले में अब तक किए गए पाबंद
12,500


इलेक्शन में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सीसीटीएनएस में क्रिमिनल्स का रिकार्ड है और त्रिनेत्र एप अपराधी को सर्च करने के लिए बनाया गया है। चुनाव को लेकर इस एप को अपडेट किया गया है। इलेक्शन को लेकर एक्टिव पुलिसकर्मी लिस्टेड क्रिमिनल्स के घर तक जाने के साथ वर्तमान कार्यशैली की जानकारी करेंगे, यह भी कि वह एक्टिव हैं या इनएक्टिव, पाबंद करने का भी कार्य किया जाएगा। इस संबंध दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। राजीव कृ ष्ण, एडीजी जोन