आगरा: कोरोनावायरस के बाद महंगाई ने लोगों को परेशान कर दिया है। युवा और नौकरी पेशा पर भी महंगाई प्रभाव पड़ा है। वे इन दिनों दोहरी मुश्किल से गुजर रहे हैं। एक ओर उन्हें आमदनी की चिंता है तो दूसरी ओर घर चलाने का दबाव है।

आमदनी हो गई आधी

शहर के नौकरी पेशा और कामगारों का कहना है कि कोरोना के बाद में उनकी आमदनी में भारी गिरावट आई है। नौकरी करने वाले लोगों की सैलरी में कमी आई है। कुछ लोगों की सैलरी कोरोना के कारण आधी कर दी है, तो कुछ लोगों की सैलरी में 10 से 20 परसेंट की कटौती की गई है। मजदूर वर्ग का कहना है कि अब उन्हें डेली काम मिलने में मुश्किल हो रही है, इस कारण उनकी आमदनी प्रभावित हुई है। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले जीत बताते हैं कि कोरोना के कारण पहले तो काम नहीं था। लेकिन अब नौकरी फिर से शुरु हो गई है, लेकिन सैलरी में कटौती की हुई है। रेडीमेड गारमेंट की दुकान चलाने वाले सोनू बताते हैं कि इस वक्त आमदनी बिल्कुल नहीं हैं, पहले डेली 500 से एक हजार रुपए तक की इनकम हो जाती थी, लेकिन अब 200 रुपए मिलना भी मुश्किल हो रहा है।

घर चलाने में उलझन

कोरोना से इनकम तो पहले ही प्रभावित हो चुकी थी, लेकिन अब महंगाई के कारण घर खर्च भी बढ़ गया है। ऐसे में नौकरी पेशा मुश्किल में हैं। नौकरी करने वाले जीत बताते हैं कि पहले घर पर वे खर्च के लिए जितना देते थे, कोरोना में सैलरी कम होने के बाद उसमें 20 परसेंट की कटौती कर दी। लेकिन महंगाई के चलते घर खर्च बढ़ने लगा है। ऐसे में परिवार के सदस्य भी कम पैसों में घर चलाने में असमर्थता जताते हैं। इस कारण दबाव फील होता है कि इस स्थिति में क्या करें।

ऑफिस जान हुआ महंगा

पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस कारण महंगाई भी बढ़ रही है। लेकिन पेट्रोल के दाम सीधा युवाओं और नौकरी पेशा को प्रभावित कर रहे हैं। युवाओं का अपने ऑफिस तक जाना महंगा हो गया है। डेली ऑफिस जाने वाले प्रशांत बताते हैं कि पहले कोरोना के कारण कुछ दिन वर्क फ्रॉम होम की सुविधा थी, लेकिन अब ऑफिस खुल गए हैं। लेकिन पेट्रोल के दाम बढ़ने से ऑफिस जाने का खर्चा भी बढ़ गया है। वे बताते हैं कि पहले वे हर चार दिन में अपने स्कूटर की टंकी फुल कराते थे, जो लगभग 400 रुपए में फुल हो जाती थी, लेकिन अब यह 450 रुपए में फुल होती है। इस प्रकार से ऑफिस जाने का खर्च भी पहले से लगभग 15 परसेंट बढ़ गया है।