- आगरा में चल रहा एटा हादसे के तीन घायल बच्चों का इलाज

आगरा। वे होश में नहीं है, लेकिन बेहोशी में भी अचानक से पिता को आवाज लगा देते हैं या हाथ हिलाने लगते हैं। उस भयानक हादसे की याद से वे बेहोशी में भी सिहर उठते हैं। एटा में स्कूल बस हादसे में घायल हुए तीन बच्चों का इलाज आगरा में चल रहा है। एसएन में रैफर किए गए बच्चों के इलाज में लापरवाही देखते हुए परिजन उन्हें प्राइवेट अस्पताल में ले गए। घायल बच्चों में आदेश और करिश्मा की हालत गंभीर है। दोनों सगे भाई-बहन है। वहीं सात साल की अंशिका अब खतरे से बाहर है और कुछ दिनों में ही उसे छुट्टी मिल जाएगी।

पांच साल के मासूम के काटने पड़ सकते हैं पैर

हादसे में गंभीर घायल हुए पांच साल के आदेश के पैर काटने की नौबत आ गई है। आदेश के पैरों की नसें ब्लॉक हो गई हैं जिससे ब्लड का सर्कुलेशन नहीं हो पा रहा। शनिवार को उसका ऑपरेशन हुआ। अब भी डॉक्टर्स का कहना है कि दो-तीन दिन तक कुछ नहीं कहा जा सकता। आदेश के परिजन डॉक्टर्स से पैर काटने के लिए मना कर रहे हैं। वहीं करिश्मा के भी जगह-जगह से फ्रेक्चर है। उसे भी रिकवर होने में वक्त लगेगा।

फोन पर बात कराने से पहले समझाते हैं, रोना मत

हादसे में घायल सात साल की अंशिका अपनी बड़ी बहन शिवानी के साथ रोज की तरह स्कूल के लिए निकली थी। लेकिन दुर्घटना में अंशिका का उसकी बहन से हमेशा के लिए साथ छूट गया। अब अंशिका की हालत बिल्कुल ठीक है लेकिन अब भी सदमे में है। उसकी बहन शिवानी की मौत हो चुकी है। अंशिका के पिता राजवीर ने बताया कि वो घर जाकर अपनी बहन से मिलने की जिद पर अड़ी है। उसे हमने बताया नहीं। घर से उसकी मां भी फोन पर बात कर रही है तो पहले उसे समझाना पड़ता है कि रोना मत, उसकी हालत बिगड़ सकती है।

बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं हो सके

एक्सीडेंट के बाद शिवानी काफी देर तक नहीं मिली। जब उसकी बॉडी मिली तो मेरी गैर मौजूदगी में ही उसका अंतिम संस्कार दिया गया। आंखों में आंसू लिए पिता राजवीर रूंधे गले से कहते हैं कि मैं अपनी बेटी के आखिरी दर्शन भी नहीं कर सका।

जांच-दवाइयों में लग रहे रुपए

इलाज में भी परिजनों को रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। हालांकि अस्पताल की तरफ से कुछ दवाइयां मिल रही हैं लेकिन और दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है। परिजनों ने बताया कि अभी तक अस्पताल ने कोई शुल्क नहीं मांगा लेकिन जांचें, खून की व्यवस्था और कुछ दवाइयों में रुपए खर्च हो रहे हैं।