आगरा: सरकारी ठेकों से जहरीली शराब की गांवों में सप्लाई दी जा रही थी। घरों और परचून की दुकानों से शराब बेची जा रही थी, मगर खुफिया विभाग इससे बेखबर था। बीट सिपाही से सीओ तक पर कार्रवाई हो गई, मगर खुफिया विभाग अभी तक जद से बाहर है।

17 लोगों की हो चुकी है मौत

ताजगंज, डौकी, शमसाबाद और इरादत नगर क्षेत्र में जहरीली शराब से लोगों की मौत हो चुकी हैं। फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही तीन थाना प्रभारियों समेत नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। सीओ फतेहाबाद को भी हटा दिया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोकल इंटेलीजेंस यूनिट द्वारा कुछ माह पहले कुछ शराब बेचने वालों के बारे में सूचना दी थी, उन्हें जेल भेज दिया गया था। इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस खेल की कभी कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। सवाल उठ रहा है कि खुफिया विभाग में तैनात पुलिसकर्मियों की थानावार ड्यूटी है फिर उन्हें क्यों गांव-गांव बिक रही शराब की सूचना नहीं मिली।