इंटरनेशनल वीमन डे

आगरा। आज आधी आबादी का दिन है। इस खास दिन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट आपको कुछ ऐसी महिला शख्सियतों से रूबरू करा रहा है, जिन्होंने ने सिर्फ विपरीत परिस्थितियों का सामना कर मुकाम हासिल किया, बल्कि आज वह इस शहर की पहचान भी बन चुकी हैं।

महिला का आत्मनिर्भर होना जरूरी

महिला को अपने स्थापित करने की जरूरत नहीं है। जो महिला के गुण होते हैं दया, ममता और संवेदना। ये किसी अन्य में नहीं होते हैं। समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए नारी का सशक्त होना बहुत जरूरी है।

बात अगर महिला सशक्तिकरण करी जाए, तो इसके लिए महिला को शिक्षित होना और उनका आत्मनिर्भर होना जरूरी है। जब तक महिला आर्थिक रूप से अपने पैरों पर नहीं खड़ी होगी, जब तक उसे ज्यादतियां मजबूरी में सहनी पड़ती हैं। इसलिए उन्हें मनोनुकूल क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएं। इसके साथ महिला में आत्म गौरव का भाव हो, लेकिन अहंकार न हो। स्वाभिमान रखे, लेकिन अभिमान में न परिवर्तित हो। जहां अहंकार बन जाता है, वहां समस्याएं खड़ी हो जाती हैं।

पद्मश्री उषा यादव

- केंद्रीय हिंदी संस्थान में प्रोफेसर रहीं।

- डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कन्हैयालाल मुंशी हिंदी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ में प्रोफेसर पद से रिटायर्ड हुई।

- सांस्कृतिक संस्था इंद्रधनुष की अध्यक्ष समेत कई संस्थाओं से जुड़ी हैं।

- वर्ष 1998 में यूपी सरकार से बाल साहित्य भारती, वर्ष 2004 में भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार समेत 10 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं।

तो कोई नहीं रोक सकता आपका रास्ता

सपने जरूर देखें। अगर हम सपने नहीं देखेंगे तो उन्हें पूरा कैसे करेंगे। एक बार मन में ठान लीजिए जो आपको करना है। अगर एक बार मन बना लिया जाए, तो फिर फिजिकल डिसएबिलिटी, फाइनेंशियल प्रॉब्लम, मेंटली डिफिकलिटी कोई भी आपका रास्ता नहीं रोक पाएगी। जो आपने अपनी लाइफ में हासिल करने का सपना देखा है, वह जरूर हासिल करेंगे।

सोनिया शर्मा, इंटरनेशनल शूटर

- 2017 में बैंकॉक पैरा शूटिंग व‌र्ल्ड कप चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

- पूना में 2017 में नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

- 2018 में दुबई में पैरा शूटिंग व‌र्ल्ड कप में दस मीटर एयर पिस्टल में उनकी आठवीं रैंक

- हाल ही में नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त किया।

अब गांववाले जताते हैं खुशी

महिलाओं को कभी अपने आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिला अपने आप में सशक्त हैं। उन्हें और सशक्त बनने की जरूरत है। संघर्ष करना कठिन है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। जब मैंने खुद स्पो‌र्ट्स फील्ड को चुना, तो गांव वालों ने विरोध किया। गांव वाले मेरे पैरेंट्स से कहते थे कि बिटिया को क्या सेना में भर्ती कराओगे। लेकिन, अब वही गांव वाले मेरी सफलता पर खुशी का जाहिर करते हैं। कहते हैं कि बिटिया अपने साथ गांव का भी नाम रौशन कर रही है।

मनीषा कुशवाह, एथलीट

- इंटरनेशनल साउथ एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल

- नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल

- खेलो इंडिया में सिल्वर मेडल

आना चाहिए सेल्फ डिफेंस

अपनी सेफ्टी अपने हाथों में है। इसके लिए महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। उन्हें मुश्किल वक्त में खुद का बचाव करना चाहिए। इसके लिए मैं ग‌र्ल्स को ट्रेनिंग भी देती हूं। उन्हें बताती हूं कि वह किसी इमरजेंसी में अपनी कैसे रक्षा करें। महिला सशक्तिकरण में ये सबसे जरूरी है कि वह अपनी खुद की सुरक्षा को सबसे पहले तवज्जो दें।

कंचन बघेल, नेशनल वेटलिफ्टर

- सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में थर्ड पोजीशन

- डीईआई में टीचर्स

अपने सपनों को करें साकार

महिलाओं को अपना दायरा बढ़ाना चाहिए। उनके अंदर जो क्षमता है, उसका संपूर्ण उपयोग करते हुए उन्हें अपने सपनों को साकार करना चाहिए। साथ ही एक महिला को अन्य महिलाओं के जीवन लक्ष्य हासिल करने में भी आगे बढ़कर सहायता करनी चाहिए। महिलाओं को सामाजिक कुरीतियों का विरोध करना चाहिए।

इशिका बंसल, स्टूडेंट

- लखनऊ में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेकानंद यूथ अवॉर्ड से सम्मानित किया।

- मिशन शक्ति अभियान के तहत एक दिन की थानेदार बनाई गई

- कई कविताओं का संग्रह प्रकाशित हो चुका है

- कई प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं की ओर से भी सम्मानित किया गया

चुनौतियां लगती हैं छोटा

जब कुछ करने की ठान ली जाए, तो चुनौतियां छोटी लगती हैं। आज की ग‌र्ल्स सशक्त है। हर फील्ड में आज ग‌र्ल्स सफलता हासिल कर रहीं हैं। देश सेवा में भी लड़कियां पीछे नहीं है। मेरा सपना भी इंडियन आर्मी ज्वॉइन करने का है।

यति मंगल, सीनियर अंडर ऑफिसर, एनसीसी

- रक्षा सचिव प्रशंसा पत्र (ये सम्मान प्रतिवर्ष एनसीसी में विशेष योगदान के लिए देशभर के 6 कैडेट्स और अधिकारियों को दिया जाता है )