आगरा। आज घर-घर में कृष्ण कन्हाई जन्मेंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भक्तों में काफी उत्साह है। कोविड-19 के संक्रमण के चलते मंदिरों के पट तो बंद रहेंगे लेकिन घर-घर अपने आराध्य कन्हैया का जन्मोत्सव मनाएंगे। मंगलवार को बाजार में जन्माष्टमी की खरीददारी को लेकर बाजारों में भीड़ दिखाई दी। महिलाएं अपने आराध्य के लिए श्रृंगार के सामान के अलावा रंग-बिरंगी पोशाकें खरीदती नजर आई।

बाजारों में जमकर उमड़ी भीड़

मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर दुकानों पर खूब भीड़ उमड़ी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। सिकंदरा, राजा की मंडी, फुब्बारा, सदर बाजार, नौलक्खा, शाहगंज मनकामेश्वर आदि स्थानों पर जमकर खरीददारी हुई। इस बारे में सिकंदरा क्षेत्र के दुकानदार सोनू अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 के चलते इस बार इतनी बिक्री नहीं है, जितनी कि पिछली जन्माष्टमी पर हुई थी। सदर क्षेत्र के दुकानदार कपिल ने बताया कि इस बार बाजार उठा नहीं है। जो खरीददारी हो रही है वो नॉर्मल है। गत वर्ष दुकानों पर ज्यादा भीड़ थी।

मंदिरों के पट रहेंगे बंद

कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए इस बार मंदिरों में जन्माष्टमी पर भक्तों की एंट्री नहीं होगी। जीवनी मंडी स्थित खाटू श्याम मंदिर, बुन्दू कटरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर, नेहरू नगर स्थित राधा कृष्ण मंदिर, केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग स्थित नारायण मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, कैलाश, रावली आदि मंदिरों में मंदिर के महंत और कुछ सदस्य ही भगवान का जन्मोत्सव मनाएंगे।

आज का है शुभ मुहूर्त

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को लेकर शुभ मुहूर्त बुधवार को बताया गया है। हालांकि मंगलवार को भी कई स्थानों पर लोगों ने भगवान का जन्मोत्सव मनाया। इस बारे में आचार्य देवांश बताते हैं कि शुभ मूहूर्त बुधवार को है, क्योंकि ये उदया तिथि में है। भगवान का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। दिन में कृतिका के बाद रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा। वैष्णव समुदाय के लोग इसी दिन उपवास रखेंगे। इसमें बाल गोपाल को पंचामृत से स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। आरती के बाद उपवास खोला जाता है। वहीं आचार्य सरवन कुमार द्विवेदी ने बताया कि दोनों दिन अष्टमी है, लेकिन रोहिणी नक्षत्र बुधवार का है, तो इसी दिन जन्माष्टमी मनायी जाएगी। बता दें कि अष्टमी तिथि 11 अगस्त मंगलवार सुबह 9:06 बजे से शुरू हो गई, यह तिथि 12 अगस्त सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी। वैष्णव जन्माष्टमी के लिए 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त है।

इस बार मंदिर नहीं जा सकेंगे। घर के अंदर रहकर ही पूजा अर्चना करेंगे। मंदिरों की झांकियां देखने को नहीं मिलेंगी, इसका थोड़ा दुख है। पर भगवान का जन्म पूरे उल्लास से मनाएंगे।

निधि शर्मा

वैसे हम तो घर पर ही पूजा करते हैं। बाहर नहीं जाते, लेकिन मन्दिरों में झांकी सजती थी। जो इस बार नहीं सज रही है। बाजार में इस बार सामान महंगा मिल रहा है। लड्डू गोपाल का हिंडौला सजाते हैं।

प्रियंका बघेल

कोविड-19 के संक्रमण ने सबकुछ गड़बड़ कर दिया। इस बार मेले भी नहीं लेगेंगे। हर बार पूरे शहर में धूमधाम होती थी। मंदिरों में सजावट होती थी, लेकिन सब सूना है। हम तो घर ही पूजा करेंगे। घर के मंदिर को सजाया जाएगा।

गुंजन मित्तल