आगरा (ब्यूरो)। जीका वायरस का यदि कोई सस्पेक्ट केस मिलता है तो आगरा से स्वास्थ्य विभाग की टीम को सैैंपल लेकर बाहर भेजना पड़ेगा। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जीका वायरस को लेकर जनपद में हेल्पलाइन नंबर जारी कर दी गई है। यदि कोई जीका वायरस का सस्पेक्ट केस मिलता है तो सबसे पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी और सैैंपल लेकर लखनऊ या पुणे भेजा जाएगा।

अभी लखनऊ में ही जांच की सुविधा
जीका वायरस के जांच की सुविधा आगरा में भीं संभव हो सकती है। सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ। आरती अग्रवाल बताती हैैं कि जीका वायरस की जांच अभी तो केवल लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में ही की जा रही है। उन्होंने बताया कि जीका वायरस की जांच भी भी आरएनए एक्स्ट्रेक्शन तकनीक से की जाती है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की जांच की तरह ही इसे भी किया जा सकता है। बस इसके लिए प्राइमर प्रो की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि कोरोना की जांच करने के लिए स्वैब का सैैंपल लिया जाता है। जबकि जीका की जांच के लिए सीरम, व्होल ब्लड या यूरिन में से किसी एक की जरूरत पड़ेगी।

क्या है जीका वायरस
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जीका वायरस भी डेंगू की तरह ही मच्छर से फैलता है। उन्होंने बताया कि इसके लक्षण भी डेंगू के समान ही होते हैैं। यह एडीज प्रजाति के मच्छरों के द्वारा फैलता है। एडीज अल्बोपिक्टस और एडीज एजिप्टी मच्छर जीका वायरस के फैलाव के लिए जिम्मेदार होते हैैं। यह फ्लेविविरिडे परिवार के फ्लेवीवायरस जीन्स से ताल्लुक रखता है। इसी परिवार से डेंगू वायरस, चिकनगुनियां, येलो फीवर, वेस्ट नाइल वायरस आदि संक्रमण भी इससे फैल सकते हैैं।

जीका वायरस के लक्षण
सीएमओ ने बताया कि जीका वायरस के लक्षण भी डेंगू की तरह आम होते हैैं। इन लक्षणों की पुष्टि ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर होगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई बाहर से आता है और उनमें ये लक्षण पाए जातें हैैं तो वे हेल्पलाइन नंबर कर कॉल करके स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दें।
-बुखार
-चकत्ते
-सिरदर्द
-जोड़ों में दर्द
-कंजेक्टिवाइटिस (आंखें लाल होना)
-मांसपेशियों में दर्द

इन हेल्पलाइन नंबर पर दें जानकारी
-0562-2600412
-0562-2600508
-9458569043