आगरा (ब्यूरो) I नीट पीजी की परीक्षा जनवरी 2021 और काउंसिङ्क्षलग मई 2021 में होनी थी। जिससे जून में जूनियर डाक्टर प्रथम वर्ष ज्वाइन कर लेते और जूनियर डाक्टर द्वितीय और तृतीय वर्ष की मदद के लिए प्रथम वर्ष के जूनियर डाक्टर मिल जाते। मगर, इस बार कोरोना और सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के चलते नीट पीजी 2021 की काउंसिङ्क्षलग नहीं हुई है। कोर्ट में छह जनवरी 2022 को सुनवाई होनी है, इसमें भी निर्णय नहीं होता है तो काउंसिङ्क्षलग नहीं हो सकेगी। इसके विरोध में देशभर के मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डाक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है।

ओपीडी के कार्य का बहिष्कार

एसएन के जूडा अध्यक्ष डॉ.अनुराग मोहन ने बताया कि शनिवार से ओपीडी के कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। वार्ड में भर्ती मरीज और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके बाद भी काउंसिङ्क्षलग नहीं कराई जाती है तो वार्ड और इमरजेंसी में भी कार्य बहिष्कार किया जाएगा। जूडा उपाध्यक्ष डॉ। अनुपम, सचिव डॉ। आशीष सक्सेना, डॉ। मयंक जैन आदि मौजूद रहे।

223 जूनियर डाक्टर, मरीजों को करना होगा इंतजार
एसएन में 223 जूनियर डाक्टर हैं। हर ओपीडी में दो डाक्टर और पांच से छह जूनियर डाक्टर मरीजों को परामर्श देते हैं। ओपीडी में जूनियर डाक्टरों के न होने से मरीजों को परामर्श देने में समय लगेगा।

ये है हाल
एसएन में ओपीडी 16
हर रोज मरीजों को परामर्श 1700 से 2000


"ओपीडी में अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं, एक-एक अतिरिक्त डाक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। जिससे मरीजों को कोई परेशानी न हो। "
डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्राचार्य, एसएन मेडिकल कॉलेज