- श्री पारस हास्पिटल प्रकरण में कमेटी की जांच पर पीडि़तों ने उठाए सवाल
- हॉस्पिटल संचालक डॉ। अ¨रजय जैन को बचाने के लगाए आरोप
आगरा : ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचा। ऑक्सीजन खत्म होने की चेतावनी देकर कोविड हॉस्पिटल से मरीजों को ले जाने के लिए कह दिया गया। इन हालात को बयां करते हुए श्री पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ। अ¨रजय जैन का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में डॉ। अ¨रजय जैन 26 अप्रैल को सुबह सात बजे मॉकड्रिल करते हुए पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद करने की बात कहते दिखाई और सुनाई दिए। 22 मरीज छंट जाने और शरीर नीला पड़ जाने की बात कही गई। 26 और 27 अप्रैल को जिन मरीजों की हॉस्पिटल में मौत हुई, उनके परिजनों ने चार सदस्यीय डेथ आडिट कमेटी और दो सदस्यीय जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।
रिपोर्ट पर उठाए सवाल
आरोप है कि डॉ। अ¨रजय जैन को बचाने के लिए एक पक्षीय रिपोर्ट तैयार की गई। परिजनों को खो चुके लोगों ने रुंधे गले से कहा कि शासन सीबीआई या रिटायर्ड जज से प्रकरण की जांच कराए। स्थानीय प्रशासन पर भरोसा किया, लेकिन न्याय की जगह अन्याय किया है।
ये हैं सवाल
-डेथ ऑडिट कमेटी ने बीएचटी के आधार पर रिपोर्ट तैयार की, पीडि़तों को बीएचटी उपलब्ध कराई जाए, जिससे वे विशेषज्ञों से राय ले सकें।
- सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग नष्ट होने की बात कही गई, हार्ड डिस्क से रिकवर कराई जा सकती है
- क्या कोरोना में कोमोर्बिड बीमारी और हाई सीटी स्कोर वाले मरीज ठीक नहीं हुए। अधिकांश केस में कोरोना संक्रमित होने पर शुगर का स्तर बढ़ गया, जबकि मरीज को मधुमेह नहीं था।
- कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इलाज करने पर क्या दो दिन में किसी अन्य कोविड हास्पिटल में 16 मौतें हुई हैं, जैसा कि श्री पारस हास्पिटल में हुआ
- हॉस्पिटल में 96 मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के नाम तक नहीं बताए गए, क्या एक डॉक्टर इलाज कर सकता है।
भरोसा टूटा
कमेटी ने डॉ। अ¨रजय जैन को बचाया है, पीडि़तों की बात को सुना तक नहीं। मैं दो दिन बाद हॉस्पिटल के बाहर धरना दूंगा। ¨रकू यादव ही परिवार का खर्चा चला रहे थे, परिवार का क्या होगा।
राजू यादव, परिजन ( ¨रकू यादव,भरथना इटावा )
यह अन्याय हुआ है, इसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। शासन से हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज या सीबीआइ से जांच कराने की मांग की जाएगी। कोर्ट की भी मदद ली जाएगी।
अमित चावला, परिजन (वासुदेव चावला व मनीषा चावला, कृष्णा कालोनी, आगरा )
क्या करें समझ नहीं आ रहा है। हमारे पास कोई साक्ष्य भी नहीं हैं, जिससे कोर्ट जाएं। यह गलत हुआ है।
नत्थीलाल, परिजन (रामवती, मधुनगर, आगरा )
सबको पता है कि ऑक्सीजन की कमी थी, इसके बाद भी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी नहीं मानी गई। अब क्या कर ही क्या सकते हैं। सुनील शर्मा, परिजन (कार्तिकेय लवानिया, आगरा )
कमेटी पर भरोसा था, क्लीन चिट दे दी, अब कुछ नहीं कहना है।
सौरभ अग्रवाल, परिजन ( राधिका अग्रवाल, न्यू राजामंडी आगरा )
सभी को दिखाई दे रहा है कि गलत हुआ है, लेकिन क्या करें, कुछ कर भी तो नहीं सकते हैं।
अशोक कुमार सिंह, परिजन ( मुन्नी देवी, आगरा )
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प्रियंका ने किया ट्वीट: इंक्वायरी की कर दी माकड्रिल
-कांग्रेस नेता ने प्रदेश सरकार को घेरा
आगरा: श्री पारस हास्पिटल को मौत की माकड्रिल के मामले में जांच समिति द्वारा क्लीन चिट दिए जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर इसे विडंबना बताते हुए प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा कि सरकार ने न्याय की उम्मीद को तोड़ दिया।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को ट्वीट में लिखा विडंबना देखिए खबरों के अनुसार आगरा में अस्पताल ने मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की और भाजपा सरकार ने क्लीनचिट देकर इंक्वायरी की मॉकड्रिल कर दी। सरकार और अस्पताल दोनों का रास्ता साफ। मरीजों के परिजन की गुहार को अनसुना कर सरकार ने न्याय की उम्मीद को तोड़ दिया। इससे पूर्व पारस हॉस्पिटल के मौत की मॉकड्रिल से संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद आठ जून को प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने ट्वीट किए थे। कांग्रेस ने अस्पताल के संचालक डा। अ¨रजय जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए थाना न्यूआगरा में तहरीर भी दी थी। नौ जून को भी प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया था। इस प्रकरण में कांग्रेस ने कैंडल मार्च भी निकाला था।
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