-जेल से जमानत पर छूटने के बाद बड़ा हाथ मारने की था फिराक में

-महाराष्ट्र की महिला मंगल पाटीदार नाम बदल कर तलाशती थी शिकार

आगरा। बीहड़ में सक्रिय बदन सिंह गैंग का नेटवर्क राजस्थान से सटे एमपी, यूपी और महाराष्ट्र तक फैला है। अपहरण और लूट के मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद बदन सिंह फिरौती के जरिए बड़ी रकम वसूलना चाहता था, जिसके लिए महिला का इस्तेमाल किया गया था।

पुलिस को चकमा देने के लिए गैंग ने बदले नाम

बदन सिंह तोमर पर एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया है। लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में बदन सिंह का सही नाम नहीं है। बदन सिंह द्वारा पकड़े जाने पर कई बार अलग-अलग नाम बताए गए, जिसमें बदन सिंह तोमर, बदन सिंह गुर्जर और ठाकुर गैंग के नाम से वारदात को अंजाम दिया है। आगरा पुलिस ईनाम घोषित होने के बाद राजस्थान पुलिस से संपर्क कर उसके बारे में जानकारी हासिलकर रही है।

महाराष्ट्र में बदन सिंह गैंग का कनेक्शन

राजस्थान में केशव गुर्जर के साथी रहे बदन सिंह गैंग का महाराष्ट्र तक नेटवर्क फैला हैं, सूत्रों का कहना है कि बड़ी फिरौती की वारदात के बाद सरगना का ठिकाना महाराष्ट्र में था। वर्तमान में वह आर्थिकतंगी से जूझ रहा है। इसको दूर करने के लिए डॉ। उमाकांत गुप्ता को टारगेट बनाया गया, जिसकी प्लानिंग एक महीने पहले महाराष्ट्र की रहने वाली महिला मंगला पाटीदार के साथ रहकर तैयार की। बदन सिंह महिला का खर्च उठाता था। अपहरण की वारदात को सफलता पूर्वक अंजाम देने के लिए महिला को सदर क्षेत्र के आउॅटर एरिए में किराए पर मकान दिलाया था।

बीस हजार में महाराष्ट्र से आई थी आगरा

महाराष्ट्र में रहने वाली मंगला पाटीदार को बदन सिंह ने पहली ही मुलाकात में बीस हजार रुपए दिए थे, अपने काम करने की बात कही थी, इस पर महिला राजी हो गई। इसके अलावा रहने और खाने का खर्च अलग से देने की बात कही गई थी। वहीं अपहरण के बाद फिरौती की रकम में भी शेयर देने का भरोसा दिया गया था।

फिरौती की रकम लेकर महाराष्ट्रजाने का था प्लान

ट्रांसयमुना कॉलोनी में रहने वाले डॉ। उमाकांत गुप्ता के अपहरण के बाद फिरौती की बड़ी रकम हाथ लगने की उम्मीद थी, इसके बाद बदन सिंह अपने साथियों के साथ कुछ समय के लिए महाराष्ट्र में रहना चाहता था, इसके लिए महिला द्वारा वहां इंतजाम किए गए थे। पुलिस गिरफ्त में आई महिला ने धौलपुर पुलिस को पूछताछ पर यह जानकारी दी। पुलिस का कहना है कि धौलपुर में उसकी पहचान आसानी से सकती है, जिसके चलते वह आसपास के राज्यों में शरण लेता था।

राजस्थान पुलिस की सख्ती से लिया किराए पर मकान

राजस्थान में केशव गुर्जर का साथी रहा बदन सिंह जिला धौलपुर के गांव अब्दुलपुर कंचनपुर का रहने वाला है। लगातार बड़ी वारदात के चलते पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था, इसके बाद बदन सिंह पुलिस से बचने के लिए आगरा में शरण ली, जहां वह सदर क्षेत्र में किराए पर कमरा लेकर रहता था।

आगरा में पहले भी कर चुका है वारदात

शहर से डॉ। उमाकांत गुप्ता के अपहरण का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी गैंग अपहरण की वारदात कर चुका है। वर्ष 2017 में ग्वालियर हाईवे से डेंटिस्ट का अपहरण किया था। वह ग्वालियर हाईवे स्थित रोहता में वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी बदमाश उन्हें कार में डालकर ले गए थे। जहां कई दिनों के बाद उनको मुक्त किया गया।

मुरैना और आगरा का है ईनामी

पुलिस को जानकारी मिली है कि बदन सिंह पर अपहरण के तीन से चार मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा भी मुकदमों की जानकारी मिली है। उस पर वर्ष 2017 में मुरैना से दस हजार रुपये का ईनाम भी था। उसने जेल से बाहर आने के बाद फिर से अपहरण की योजना बनाई। वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग गया। एडीजी राजीव कृष्ण ने बदन सिंह पर एक लाख रुपये का ईनामघोषित किया है। राजस्थान में कोई ईनाम घोषित नहीं है।

वर्जन

बदन सिंह गैंग को ट्रेसकिया जा रहा है, टीम द्वारा एक लाख का ईनामी बदन सिंह और उसके साथी बदन सिंह

भोला, धर्मेन्द्र की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही अपहणकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाएगा। इस संबंध में बाहरी राज्यों की पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है।

बोत्रे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी