- अभी तक नहीं हो सकी है वैकल्पिक व्यवस्था

- 113 सर्किल हो चुकी हैं लेखपाल विहीन

आगरा। लेखपालों अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। जिसके कारण आय से लेकर जाति और मूल निवास प्रमाण पत्रों के लिए भटकना पड़ रहा है। लेखपालों ने चार्ज छोड़ दिया है, जिसके कारण वे रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं।

113 सर्किल हैं प्रभावित

जनपद में स्वीकृत पदों से काफी हद तक कम संख्या में लेखपाल तैनात हैं। जिसके कारण जितने लेखपाल तैनात हैं, उन्हें अन्य सर्किलों का अतिरिक्त चार्ज दे रखा था। पांच नवम्बर को जनपद की सभी तहसीलों के लेखपालों ने अतिरिक्त चार्ज छोड़ते हुए कार्य करने से मना कर दिया है। जिसके कारण जनपद की कुल 113 सर्किल लेखपाल विहीन हो गई हैं। इन सर्किलों के युवा व आम जनता छोटे से लेकर बड़े कार्यो के लिए इधर-उधर भटक रही है। जाति प्रमाण-पत्र से लेकर आय और मूल निवास प्रमाण-पत्रों पर बगैर लेखपालों के रिपोर्ट नहीं लग पा रही है, जिसके कारण लोग परेशान हैं। अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

अभी तक नहीं की अतिरिक्त व्यवस्था

जिन सर्किलों का लेखपालों ने चार्ज छोड़ा है, उन सर्किलों का चार्ज कानूनगो आदि को दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका है।

हम नहीं लेंगे चार्ज

लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष चौधरी भीमसेन ने बताया कि लेखपाल अपनी मूल तैनाती के अलावा अतिरिक्त चार्ज नहीं लेंगे। क्योंकि उन्हें अतिरिक्त मानदेय नहीं मिलता है। केवल बेगार ही करनी पड़ती है।

चकबंदी विभाग का हुआ विलय

प्रदेश सरकार ने चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग में विलय कर दिया गया है। अधिकारी व कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा राजस्व विभाग को अब राहत महसूस होगी। प्रदेश में करीब आठ हजार लेखपालों की कमी है। जो कि चकबंदी विभाग के विलय होते ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

वर्जन

जल्द ही इसका कोई न कोई हल निकाला जाएगा। किसी को कोई परेशानी नहीं होने देने का प्रयास किया जा रहा है।

एनजी रवि कुमार

डीएम