आगरा (ब्यूरो) शहर में आबकारी डिपार्टमेंट की ओर से शराब की दुकानों को खोलने ओर बंद करने के रूल्स निर्धारित किए गए हैं। वहीं अलग-अलग ब्रांड के रेट भी फिक्स किए गए हैं। लेकिन शराब माफिया निर्धारित समय के बाद भी शराब की बिक्री कर रहे हैं, वहीं तय रेट से अधिक भी कस्टमर से वसूल किए जा रहे हैं, इसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सिकंदरा और एत्माद्दौला क्षेत्र में रियलिटी चेक किया, जहां आधी रात को शराब की बिक्री की जा रही थी, वहीं उनसे खुलेआम ओवररेट भी वसूले जा रहे थे।

आधी रात को सक्रिय शराब माफिया
अधिक कमाई के चक्कर में शराब माफिया नियमों की अनदेखी कर आधी रात के बाद ठेकों से शराब की बिक्री कर रहे हैं। माफियाओं के गुर्गे शटर बंद करने के बाद पचास या सौ रुपए अधिक रेट में शराब की बिक्री कर रहे हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को गाइड लाइन जारी की गई हैं, जिसमें प्रिंट रेट के आधार पर रेट निर्धारित किए गए हैं, वहीं शराब की दुकान खोलने और बंद करने का समय सुबह दस से रात दस बजे तक रखा गया है।

यहां आधी रात को सक्रिय होते हैं शराब माफिया
एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के रामबाग चौराहे पर बनी मॉडल वाइन शॉप का समय सुबह दस से रात दस बजे है, लेकिन रविवार की रात को करीब साढ़े ग्यारह बजे दुकानों के शटर डाउन थे, शटर के नीचे से शराब की अवैध रूप से बिक्री की जा रही थी, जिसमेें शटर के पीछे बैठे व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल है। शटर के नीचे छह इंच का एक हॉल है, जिसमें से रुपए का लेन, देन किया जाता है। चौराहे पर बाहर से आने वाले लोगों को ऑटो और रिक्शा चालक आसानी से शराब बिक्री की जानकारी लोगों को देते हैं। इसके बदले में वह दस या पांच रुपए में उनको सौ कदम की दूरी पर बने शराब के ठेके तक पहुंचाते हैं। जहां दुकान के बाहर एक एजेंट भी खड़ा देखा गया, जो मोबाइल फोन से अंदर बैठे व्यक्ति को बताता था कि किस को शराब बिक्री करनी है और कितने रुपए लेने हैं।

दुकान के बंद शटर के नीचे से बिक्री

रिपोर्टर: शराब मिल जाएगी, क्या?
एजेंट: कौन सा ब्रांड चाहिए आपको, वो है।
रिपोर्टर: एक बोतल कितने की एमडी की?
एजेंट: मिल जाएगा, आठ सौ रुपए दो
रिपोर्टर: लेकिन रेट तो पांच सौ चालीस रुपए हैं।
एजेंट: टाइम देख रहे हो कितना है, पांच सौ चालीस में चाहिए तो कल आना
रिपोर्टर: पुलिस में कंप्लेन करते हैं आपकी
एजेंट: कोई बात नहीं कर दीजिए आप
रिपोर्टर: ठीक है, ठेकेदार का नाम क्या है?
एजेंट: हमको कुछ नहीं पता, आप पता कर लो।


सिकंदरा चौराहे पर भी अवैध बिक्री
दुकानदार: शराब चाहिए क्या आपको?
रिपोर्टर: हां पर ठेके बंद हो चुके हैं।
दुकानदार: आपको चाहिए तो बोलिए।
रिपोर्टर: हां कौन सा ब्र्रांड है आपके पास।
दुकानदार: एक ही है, एटपीएम का टैट्रा।
रिपोर्टर: ये नहीं और विलंडर होगा गया।
दुकानदार: है, चार सौ का हाफ है, मिलेगा।
रिर्पोटर: क्यों पांच सौ चालीस की बोतल है।
दुकानदार: फिर आप वहीं से ले लो जहां ब्रिकी हो रही है।

झरोखों से चल रहा ओवर रेटिंग का खेल
वाइन व बीयर शॉप खोलने का समय सुबह दस से रात दस बजे तक निर्धारित है, लेकिन सेल्समैन मोटी कमाई के चक्कर में आधी रात के बाद भी नशे का कारोबार करते हैं। बंद शटर के पीछे झरोखों से यह खेल चल रहा है। खास यह कि दुकान बंद होने का बहाना इन्हें ओवर रेट वसूलने का जरिया भी दे देता है। ओवर रेट वसूलकर ये रोजाना हजारों का इंतजाम कर लेते हैं।

गश्ती पुलिस की नहीं नजर
ऐसा नहीं है कि पुलिस व आबकारी विभाग को रात के सौदागरों की जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बाद भी यह खेल चल रहा है, क्योंकि पूरा खेल सेंटिंग- गेटिंग का है। मिलीभगत से यह कारोबार फलफूल रहा है। रात्रि गश्त करने वाली पुलिस, पीसीआर वैन की नजर में इनका न आना इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।


शॉप के खुलने का समय सुबह 10 से रात 10 बजे का है। इस समय के बाद चोरी छिपे शराब बिक रही है तो यह नियम के विरुद्ध है। दबिश देकर कार्रवाई की जाएगी।
नीलेश पालिया, जिला आबकारी अधिकारी