- एसबीएम के तहत शहर में बनाए गए थे 30 पिंक टॉयलेट

- महीनें से लटके पड़े हैं ताले

- महिला की तैनाती का भी किया गया था दावा

आगरा। आगरा समेत प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, शहर में महिलाओं की सुविधाओं पर ताला लटका हुआ है। नगर निगम की ओर से शहर में बनाए गए 30 पिंक टॉयलेट बंद पड़े हैं। इन पर ताला लटका हुआ है।

45 लाख से बने 30 पिंक टॉयलेट

शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2019 के तहत 45 लाख की लागत से 30 लेडीज पिंक टॉयलेट बनवाए गए थे। नगर निगम की ओर से लेडीज पिंक टॉयलेट पर 30 महिला ऑपरेटर तैनात करने का दावा किया गया। इनको स्वच्छता दीदी कहा गया। लेकिन, मौजूदा समय में इन पर ताला लटका हुआ है और स्वच्छता दीदी का कहीं कोई पता नहीं। शुक्रवार को दैनिक जागरण-आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने शहर में कुछ स्थानों पर जाकर पड़ताल की, तो पता चला कि पिंक टायलेट ताले में बंद हैं। सेंट जोंस चौराहे पर पिंक टॉयलेट पर ताला लटका हुआ था। स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि कभी-कभार ताला खुल जाता है। इसके बाद भगवान टॉकीज चौराहे पर पिंक टॉयलेट पर ताला लटका मिला। संजय प्लेस पर पिंक टॉयलेट का दरवाजा खुला हुआ था, लेकिन स्वच्छता दीदी गायब थी। कई टॉयलेट में पानी की व्यवस्था नहीं है, जबकि इन टॉयलेट का रखरखाव एक एनजीओ को दिया गया है। इसमें ढाई से तीन लाख रुपये प्रति महीने खर्च किए जा रहे हैं। उसके बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं है। इसकी बड़ी वजह जिम्मेदारों द्वारा इनकी मॉनीटरिंग नहीं की जाती है।

हाईलाइटर:

नगर निगम के 100 वार्डो में 27 जुलाई 2018 को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) की टीम शहर में आयी। टीम ने शहर को ओडीएफ सत्यापित कर दिया। फिर 22 जनवरी 2019 को क्यूआईसी टीम द्वारा ओडीएफ डबल प्लस सत्यापित कर दिया गया।

हाईलाइटर

कम्युनिटी टॉयलेट की सफाई व उनके रखरखाव के लिए पांच निजी संस्थाओं को चयनित किया गया है। प्रत्येक संस्था को 25 टॉयलेट की सफाई और रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है।

अभी शहर में कई ऐसे बाजार हैं, जहां पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं। इसके चलते महिलाओं को बाजार में शॉपिंग के दौरान बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसमें सदर बाजार, राजा की मंडी, जौहरी बाजार, सेब का बाजार, कश्मीरी बाजार, फुव्वारा, दरेसी, लुहारगली, कसरेट बाजार, शाहगंज, सिंधी बाजार आदि स्थानों पर पब्लिक लेडीज टॉयलेट नहीं हैं।

गूगल मैपिंग से कराया गया था सर्वे

शहर में वार्डो को ओडीएफ व बाजारों में टायलेट के लिए गूगल मैपिंग से सर्वे कराया गया था। इसमें 100 वार्डो में 15 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। भारत सरकार से जारी डेक्लेरेशन योर सिटी व टाउन ओपन डीफिकेशन टूल किट्स में खुले में शौच रोकने के लिए कुछ नियम शर्तें तय की गई थी। उसके मुताबिक ऐसे क्षेत्रों के 500 मीटर के दायरे में टॉयलेट की उपलब्धता कराई जानी थी।

सभी टॉयलेट पर महिला ऑपरेटर तैनात है। इनका खुलने का टाइम भी निर्धारित है। अगर कहीं कोई शिकायत है, तो इसको चेक किया जाएगा।

केके पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्वच्छ भारत मिशन