आगरा: छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापतियों और सिपहसालारों की 14वीं पीढ़ी के वंशज मंगलवार को कोठी मीना बाजार को देखकर भावुक हो उठे। उन्होंने यहां की रज को माथे से लगाकर वंदन किया। यहीं से शिवाजी मुगल साम्राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को धता बता बचकर निकल गए थे। आगरा किला पर शिवाजी की प्रतिमा का अभिषेक किया गया।

आगरा पहुंचे वंशज

शिवाजी महाराज की सेना में रहे प्रमुख सलाहकार सरनौबत नरवीर पिलाजी गोल व सेनानी सरदार कान्होजी जेधे के वंशज मारूति आबा गोले, दिग्विजय जेधे व जाधव घराने के वंशज गणेश जाधव, तानाजी मालसुरे के वंशज महेश मालसुरे 72 सदस्यीय दल के साथ सुबह यहां पहुंचे। आगरा किला स्थित शिवाजी के प्रतिमा स्थल पर हुए कार्यक्रम में सिंहासनारूढ़ शिवाजी की प्रतिमा का अभिषेक किया गया। प्रतिमा दल अपने साथ भी लेकर आया था। उन्होंने यहां प्राचीन युद्धकला का प्रदर्शन किया। मुय अतिथि विधायक योगेंद्र उपाध्याय द्वारा शिवा मशाल प्रज्ज्वलित की गई, जिसे दल राजगढ़ लेकर रवाना हुआ। आगरा किला के बाद सभी कोठी मीना बाजार पहुंचे। यहां इतिहासकार डॉ। सुगम आनंद ने जानकारी दी कि यह वही स्थान है, जहां औरंगजेब ने छत्रपति

शिवाजी को बंदी बनाया था। यहां से वह अपने शौर्य, साहस, कार्य योजना की चतुराई और कार्यान्वयन क्षमता का विलक्षण परिचय देते हुए निकल गए थे। इससे दल के सदस्य अत्यंत भावुक हो उठे।

शहरवासियों को धन्यवाद

मारूति आबा गोले ने कहा कि राजगढ़ से आगरा तक जहां-जहां छत्रपति शिवाजी महाराज ने पड़ाव किया था, वहां-वहां राजगढ़ की मिट्टी और शिवाजी के 55 किलों के जल से अभिषेक कर दो हजार पौधे लगाने का लक्ष्य है। छत्रपति शिवाजी कोठी मीना बाजार में 99 दिन बंदी रहे थे। इस जगह की खोज कर बड़ा उपकार किया गया है। महाराष्ट्र से आगरा आने वाले व्यक्ति पहले कोठी मीना बाजार आएंगे, बाद में कहीं और जाएंगे। दल सेवला जाट स्थित मलूक चंद विद्यालय गया। शिवाजी ने मुगल दरबार में जाने से पूर्व मलूक चंद की सराय पर डेरा डाला था। अब इस सराय का अस्तित्व मिट चुका है। विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने दल को अवगत कराया कि मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से कोठी मीना बाजार को शिवाजी महाराज के प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।