-सड़कों पर नजर आये लोग

आगरा। शनिवार को तीसरी साप्ताहिक बंदी के कारण शहर से सभी बाजार बंद रहे। लेकिन लोग फिर भी खूब सड़कों पर नजर आये। साप्ताहिक बंदी को लोगों ने सीरियसली नहीं लिया। शहर की सड़कों पर लोगों की खूब भीड़ नजर आई। पुलिस का पहरा शहर रहा लेकिन लोगों को घर में रखने में पुलिस नाकाम साबित हुई।

व्यापारियों ने घर पर किया आराम

व्यापारियों ने अब साप्ताहिक बंदी पर मुहर लगा दी है। पांच दिन काम करने के बाद व्यापारियों ने घर पर बैठकर आराम किया। साप्ताहिक बंदी की इस व्यवस्था को अब व्यापारियों ने अपनी लाइफस्टाइल में शामिल कर लिया है। लेकिन सप्ताह दो दिन बाजार बंद रहने से व्यापारियों को नुकसान भी हो रहा है। लेकिन वे कोरोना से बचाव के लिए वे इस घाटे के लिए भी तैयार हैं। वे इससे संतुष्ट नजर आ रहे हैं।

रोकनी होगी भीड़

साप्ताहिक बंदी में 55 घंटे यानि शुक्रवार रात बजे से सोमवार सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन रहता है। इस दौरान लोगों को घरों से बाहर निकलने अनुमति नहीं है। लेकिन शहरवासियों ने इसका जमकर उल्लंघन किया। ऐसे तो साप्ताहिक बंदी करने का कोई फायदा नजर नहीं आया। लोग छुट्टी समझकर घर से बाहर घूमने के लिये निकल आये। इससे संक्रमण को रोकने के किये गये प्रयासों पर पानी फिर जाएगा।

साप्ताहिक बंदी का सरकार द्वारा उठाया गया कदम सराहनीय है। इससे व्यापारियों का भी हित हो रहा है और कोरोनावायरस से बचाव भी हो रहा है। हालांकि व्यापारियों दुकान न खुलने से घाटा तो हो रहा है। लेकिन वे कोरोनावायरस महामारी से बचाव के लिए ये घाटा सहने को तैयार है। क्योंकि सबसे पहले जान है इसके बाद ही जहान है। बाजार बंद होने के बाद भी लोग सड़कों पर बाहर निकले हैं। ये संक्रमण को बढ़ावा देना है।

-मनीष अग्रवाल, पूर्व प्रेसिडेंट, एनसीआईसी

व्यापारी प्रशासन के इस नये नियम से संतुष्ट है। अब व्यापारी को सप्ताह में पांच दिन सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक व्यापार करने का मौका मिल रहा है। इससे बाजार में व्यापार भी हो रहा है और ग्राहक भी एक अलग-अलग दुकानों पर डिस्ट्रीब्यूट हो जाते हैं। इससे बाजार में फिजीकल डिस्टेंस भी मेंटेन हो रहा है। व्यापारी कोरोना से बचाव के साथ-साथ अपना व्यापार भी कर रहे हैं। अब व्यापारियों ने साप्ताहिक बंदी को अपनी आदम में शामिल कर लिया है। शहर की आम जनता को भी इस व्यवस्था का साथ देना जरूरी है, अन्यथा इस पूरी व्यवस्था का कोई फायदा नहीं होगा।

-टीएन अग्रवाल, व्यपारी नेता

बाजारों में छाया रहा सन्नाटा

साप्ताहिक बंदी के दौरान शहर के बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। शहर की लाइफ लाइन एमजी रोड पूरी तरह से बंद रहा। यहां पर सभी दुकानें व शोरूम्स बंद पड़े थे। शहर के अन्य बाजार राजामंडी, शाहगंज, शाह मार्केट, दयालबाग, सिकंदरा, ईदगाह, खेरिया मोड़ सभी पूरी तरह से बंद रहे।