-मांगें पूरी कराने को लेकर अड़े रहे चमरौली के शहीद विजयभान के परिजन

-ढाई घंटे तक चली मान मनौव्वल, बीएसएफ ने दी जवान को आखिरी सलामी

फिरोजाबाद। शहादत के तीसरे दिन चमरौली के जांबाज को आखिरी सलामी देने के लिए भीड़ उमड़ी थी। तिरंगे में लिपट जब पार्थिव शरीर पहुंचा तो सड़क पर जोश हिलोरे लेने लगा। अंतिम दर्शन के साथ ही परिजनों ने मांगों की फेहरिस्त प्रशासन के सामने रख दी। ढाई घंटे तक मानमनौव्वल चलता रहा। लिखित आश्वासन पर परिजन मानें, लेकिन तब तक अंधेरा होने लगा। बीएसएफ के जांबाज सिपाही को मोबाइल और कैमरों की रोशनी के बीच अंतिम विदाई दी गई। विजयभान अमर रहें और वंदेमातरम के नारों के साथ शहीद पंचतत्व में विलीन हो गए।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बांग्लादेश बार्डर पर तैनात बीएसएफ के हैड कांस्टेबिल विजयभान सिंह यादव गुरुवार सुबह बांगलादेश बार्डर गार्ड की ओर से फाय¨रग में शहीद हुए थे। शनिवार सुबह से ही चमरौली गांव में सड़क किनारे खेत में बने अंत्येष्टि स्थल पर भीड़ जुटना शुरू हो गई। लंबे इंतजार के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे पार्थिव शरीर पहुंचा तो गांव वाले ताबूत को कंधे पर उठाकर नारेबाजी करते हुए बड़े भाई के घर तक ले गए। जहां शहीद के परिजनों और रिश्तेदारों ने मांगें पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार की शर्त रख दी। प्रशासन के आर्थिक सहायता के 25 लाख शहीद की पत्नी और मां के एकाउंट में ट्रांसफर किए जाने की रसीद और डीएम के लिखित आश्वासन देने पर ही अंतिम संस्कार को तैयार हुए। तब तक अंधेरा गहरा चुका था। प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम न होने पर मोबाइलों की लाइट और मीडिया कैमरों की फ्लैश लाइट की रोशनी में शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।

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यह थी परिजनों की मांग

-आर्थिक मदद के साथ ही बेटे को नौकरी

- एक सीएनजी स्टेशन परिवार को दिया जाए।

-शहीद स्थल बने और कॉलेज का नामकरण हो।