- आगरा में बुकी और दवा कारोबारी गिरफ्तार

- कर्नाटक से आगरा सप्लाई हुआ एनाबालिक स्टेरायड इंजेक्शन

जेएनएन, आगरा: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आपदा के असुरों ने किस कदर संवेदनहीनता दिखाई उसका एक और उदाहरण आगरा में सामने आया है। औषधि विभाग की टीम ने नकली डेका डुराबोलिन (एनबालिक स्टेरायड) की सप्लाई करने वाला बड़ा गिरोह पकड़ा है। कोरोना की दूसरी लहर में इंजेक्शन की मांग बढ़ने पर कर्नाटक से फव्वारा दवा बाजार में नकली इंजेक्शन सप्लाई हुआ। यह आगरा के साथ लखनऊ, बनारस और कानपुर सप्लाई किया गया। मरीजों को नकली इंजेक्शन लगा दिया गया। टीम ने बुकी और एक दवा कारोबारी को पकड़ा है। नकली इंजेक्शन की रिकवरी के प्रयास चल रहे हैं।

शक होने पर की कंप्लेन

औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने बताया कि 21 अप्रैल, 2021 को रिद्धि सिद्धि फार्मा थाना बेलागवी, कर्नाटक से जाइडस कैडिला कंपनी, अहमदाबाद का डेका डुराबोलिन 50 एमजी इंजेक्शन राजू ड्रग हाउस, फव्वारा (आगरा) को सप्लाई किया गया। ई वे बिल के मुताबिक 56,550 इंजेक्शन 5,27,800 रुपए में सप्लाई किए गए। राजू ड्रग हाउस से इंजेक्शन माधव ड्रग हाउस (आगरा) को बेचा गया, उन्हें नकली होने का शक हुआ। उन्होंने इंजेक्शन वापस कर दिए और औषधि विभाग को सूचना दे दी। उस समय ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के इंतजाम में विभागीय टीम लगी हुई थी, इसलिए कार्रवाई नहीं हुई।

दूसरे शहरों में भी सप्लाई

टीम ने इंजेक्शन निर्माता कंपनी जाइडस को इंजेक्शन का ब्योरा भेजा। वे उसी बैच का असली इंजेक्शन लेकर आ गए। पुलिस की मदद से राजू ड्रग हाउस पर पूर्व में काम कर चुके बुकी राहुल को पकड़ लिया। उसी ने यह इंजेक्शन कर्नाटक से मंगाया था और खुद ही बाजार में बेच रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि इंजेक्शन हेमा ड्रग हाउस को बेच दिया था। पुलिस ने इसके संचालक हिमांशु अग्रवाल को पकड़ लिया। उसने बताया कि इंजेक्शन आगरा के साथ ही लखनऊ, बनारस और कानपुर सप्लाई किया गया। वहां संपर्क किया गया तो पता चला कि इंजेक्शन मरीजों को लग चुका है। कानपुर में कुछ इंजेक्शन बचा है, उसकी रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

-------

कम साइड इफेक्ट होने के कारण कोरोना मरीजों में इस्तेमाल

डेका डुराबोलिन एनबालिक स्टेरायड है, इसके साइड इफेक्ट कार्टिकोस्टेरायडसे कम है। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीजों में अधिक इस्तेमाल किया गया। यह इंजेक्शन महिलाओं में पोस्ट मीनोपाज और हड्डी की समस्या होने पर इस्तेमाल किया जाता है।

-------

नकली और असली इंजेक्शन पर एक ही बैच नंबर

डेका डुराबोलिन 50 एमजी के नकली इंजेक्शन पर असली इंजेक्शन का बैच नंबर जी 001965, निर्माण की तिथि अप्रैल 2020 और एक्सपायर तिथि जनवरी 2024 दर्ज है। इन दोनों इंजेक्शन की ¨प्र¨टग में अंतर है, उसी से पकड़ा गया है।