- रिश्तेदार महिला ने एसएसपी के सामने पेश होकर दी थी सूचना

- एसओजी टीम मथुरा पहुंची तब हुई गिरफ्तारी की जानकारी

आगरा: जीआरपी मथुरा द्वारा एटीएम क्लोनिंग में पकड़े गए युवक की आगरा पुलिस तलाश में लगी थी। उसकी रिश्तेदार महिला ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी थी। काफी खोजबीन के बाद पुलिस को वह मथुरा में मिल गया। तब राहत की सांस ली।

बुधवार को जीआरपी ने असद वाली गली ताजगंज (हाल निवासी सदर) निवासी मनमोहन उर्फ मन 14 एटीएम क्लोन और चार एटीएम के साथ पकड़ा था। उसे जेल भेज दिया गया है। मनमोहन सदर क्षेत्र में अपनी मामी के साथ रहता था। मामी ने एसएसपी आगरा के सामने पेश होकर उसके अपहरण की सूचना दी थी। इसके बाद एसएसपी ने सदर सर्किल की पुलिस के साथ एसओजी टीम भी उसकी तलाश में लगा दी। मोबाइल के आधार पर पुलिस उसकी तलाश में मथुरा पहुंच गई। वहां जाकर पता चला कि उसे जीआरपी ने उठाया है। तब पुलिस ने राहत की सांस ली। मनमोहन की मामी ने उसे निर्दोष बताया है। उनका कहना है कि मनमोहन का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस ने उसे फर्जी पकड़ा है। जबकि जीआरपी मथुरा उसके बड़े गिरोह से कनैक्शन बता रही है।

आगे नहीं बढ़ी जीआरपी की जांच

जीआरपी के मुताबिक, आरोपित ने बताया था कि मुंबई के फैजान नामक साथी ने उसे एटीएम क्लोन दिए। चूंकि फैजान से मुलाकात दुबई में हुई थी, इसलिए आशंका जताई जा रही है कि पूरा मामले के तार कहीं न कहीं दुबई से जुड़े हैं। इस बड़े खेल को अकेले मनमोहन अंजाम दे सकता है, ये बात भी किसी के गले नहीं उतर पा रही है। मनमोहन को बुधवार को ही जेल भेज दिया गया, लेकिन अब तक जीआरपी ने जांच की दिशा में कदम नहीं बढ़ाए हैं। ये पता लगाना भी जरूरी है कि क्लोन के जरिए एटीएम से कितने रुपयों का लेनदेन किया गया और किसके खाते से हुआ। बड़े गिरोह के पर्दाफाश को लेकर जीआरपी फिलहाल गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। जीआरपी प्रभारी सुबोध कुमार ने बताया कि अभी कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। इस प्रकरण की विवेचना की जा रही है।

जिला पंचायत में कंप्यूटर ऑपरेटर था मनमोहन

जीआरपी के मुताबिक, एटीएम क्लोन मामले में जेल भेजा गया मनमोहन आगरा जिला पंचायत में संविदा पर काम करने वाला कंप्यूटर ऑपरेटर था। अब जीआरपी यहां से भी उसके बारे में जानकारी जुटाएगी।

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