पहली बार चांदी के सिक्कों की एग्जीबिशन
इस प्रदर्शनी का आगरा में पहली बार शुभारंभ भारत के प्रसिद्ध मुद्रा शास्त्री एवं भारतीय सांस्कृतिक निधि के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक सिंह ठाकुर, नागपुर महाराष्ट्र द्वारा शुक्रवार को किया गया। इस अवसर पर एग्जीबिशन में आगरा कॉइन एक्सपो पर आगरा के प्रसिद्ध मुद्रा संग्रहकर्ता डॉ। विकास जैन को आजीवन गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में डॉ। हरिबल्लभ माहेश्वरी शोध संस्थान के निदेशक डॉ। नीलकमल माहेश्वरी द्वारा पहली बार उत्तर प्रदेश में ग्वालियर राज्य के चांदी के सिक्कों का प्रदर्शन इस प्रदर्शनी में किया जाएगा। प्रदर्शनी में सभी के लिए एंट्री फ्री रखी गई।

अखबराबाद (आगरा) टकसाल से जारी सोने का सिक्का
इस अवसर पर प्रसिद्ध मुद्रा शास्त्री अशोक सिंह ठाकुर द्वारा भारत की बहुमूल्य सोने की मुद्रा जोकि विश्व में एकमात्र है, इस मुद्रा का इतिहास भी बहुत ही रोचक है। यह मुद्रा सोने की नजराना मोहर 1047 एएच में मुगल बादशाह शाहजहंा द्वारा अपने प्रथम पोती औरंगजेब के पैदा होने की खुशी में जारी किया था। जोकि उस समय की अखबराबाद (आगरा) टकसाल से जारी एकमात्र नजराना सोने का सिक्का है।

चर्चा में रहे ग्वालियर राज घराने के सिक्के
इस एग्जीबिशन में ग्वालियर की विरासत से जुड़ी, ग्वालियर राज्य के लोगों, बांट बैंक का टोकन, डाक टिकट, सिक्के, कोर्ट के दस्तावेज, कृष्ण राय, बलदेव बैंक का चेक और ग्वालियर के शासक दौलत राव सिंधियां, जीजाबाई, बायजाबाई, सिंधिया, जानकोजी राव सिंधिया के सिक्के और डाक टिकट के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी सन 1947 से 2024 तक के 1 रुपए से 2000 रुपए तक के बदलाव के साथ अलग-अलग साइज के नोट भी देखने को मिले।

इन पर टिकी सभी की नजर
एग्जीबिशन शहर के लोगों के बीच आक र्षक रही। शुक्रवार को शहरवासियों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया का 100 का सिक्का देखने को मिलेगा। वहीं 100, 125. 150, 350 400, 525 रुपए के सिक्के। 1963 से लेकर अब तक के एक से एक हजार पोस्टल डिपार्टमेंट के महाभारत सीरीज, जिसमें महाभारत के दृश्यों को दिखाया गया है। गंधार का पंचमार्का सिक्का सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था।


1975 के दौर का एक हजार का नोट
एग्जीबिशन में 1975 से 77 तक चलने वाले एक हजार के बड़े नोट का प्रदर्शन भी किया गया है। व डॉ। नीलकमल माहेश्वरी ने बताया कि ये एग्जीबिशन इतिहास के प्रेमियों के लिए आयोजित की गई है। मेरे पिता हरीबल्लभ माहेश्वरी ओल्ड कॉइंस कलेक्ट करते थे, उनसे ही मैने इस आर्ट को जाना और समझा है। आज पूरे देश में अवध न्यूमिस्मेटिक सोसायटी की अपनी पहचान है।


-विश्व का सबसे छोटा सिक्का जो कहार का है। वजन 07 ग्राम है। यह दूसरी शताब्दी का है।
-सबसे छोटा सोने का रिवर वजन 04 ग्राम है। यह विजयनगर सम्राज्य का है।
-गंधार का पहला चांदी का का सिक्का। ये सिक्क ा सबसे पहला सिक्का है।
-एग्जीबिशन मेें 25, 30, 100, 125, 150, 350, 400, 525, रुपए के रहे सिक्के।
-1947 से 2023 के नोटों के साथ दिखाई दिए।



डिसप्ले की गई विरासत के पास उसका इतिहास संबंधी विवरण भी दिया गया है। इस एग्जीबिशन के जरिए ग्वालियर राज घराने के पहली बार 1 रुपए से 1000 रुपए तक के सिक्के भी देखने को मिलेगें शहर के लोगों से अच्छा रिस्पांस मिला है। सिंधिया राज्य घराने के सिक्के अधिक चर्चा में रहे।
डॉ। नीलकमल माहेश्वरी,एग्जीबिशन आयोजक



वर्जनअवध न्यूमिस्मेटिक सोसायटी ने संजय पैलसे स्थित होटल पीएल प्लेस में एग्जीबिशन का आयोजन किया है। यहां गंधार का पहला सिक्का भी एग्जीबिशन में है। इसके साथ ही सिकंदर भी अपने साथ टकसाल लेकर आए थे, उनके द्वारा चलाए गए सिक्के भी आकर्षण का केंद्र है।
अशोक सिंह, मुख्य अतिथि ग्वालियर



एग्जीबिशन में सिक्कों का दुर्लभ संग्रह है। विश्व का सबसे छोटा सोने और तांबे का सिक्का भी है। आगरा में पहली बार इस एग्जीबिशन को लगाया गया है। जो आज शहर के लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। सुबह से लोग आ रहे हैं।
कमाक्षी माहेश्वरी, आयोजक


मैं एग्जीबिशन में पार्टीसिपेट करने के लिए बैंगलूर से आया हूंं, हमारे पास बेसकीमती ओल्ड काइंस हैं। सुबह से लोग आ रहे हैं, अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। हमारे यहां हर सिक्के साथ उनकी डिटेल भी मेंशन की है।
आरची मारु, बेंगलूर