अवध नबाव का हुक्का रहा खास
राष्ट्रीय आगरा कॉइन एक्सपो द्वारा आयोजित एग्जीबिशन होटल द पीएल पैलेस में आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में हिस्सा लेने पूरे भारत से मुद्रा संग्रहक देश के अलग-अलग राज्यों से आगरा पहुंचे, इस प्रदर्शनी के दूसरे दिन सिक्कों के साथ ट्रेडीशनल आभूषण, ढाई सौ साल पुराना अवध नबाव का हुक्का सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। प्रदर्शनी के आयोजक भारत के प्रसिद्ध मुद्रा संग्रहकर्ता रणविजय सिंह हैं।

बच्चे ने काउंट किए 38 देशों के सिक्के
इस प्रदर्शनी का आगरा में पहली बार आयोजन किया गया है। प्रदर्शनी के दूसरे दिन एमपी और राजस्थान से आए लोगों ने एग्जीबिशन का अवलोकन किया। इस दौरान धौलपुर से आए उदी अग्रवाल ने बताया कि वो क्लास फाइव के स्टूडेंटस हैं, उनको सिक्कों को जमा करने का शौक है। अभी उनके पास 38 देशों के सिक्के हैं। प्रदर्शनी में उन्होंने ढाई सौ साल पुराने सिक्के खरीदे, जिनका चलन मुगलकाल के समय होता था।



भारत की बहुमूल्य सोने की मुद्रा का इतिहास भी बहुत ही रोचक है। ये मुगलकाल की है। ये मुद्रा दूसरे दिन एग्जीबिशन देखने आने वाले लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही।
अशोक सिंह ठाकुर, प्रसिद्ध मुद्रा शास्त्री, नागपुर


मुझे बचपन से ही सिक्कों को जमा करने का शौक है। अभी में फाइव क्लास में हूं, 38 देशों के सिक्के मेरे पास हैं।
उदी अग्रवाल, स्टूडेंट्स


मुझे एग्जीबिशन में बहुत अच्छा लगा, यहां मुगलकाल से भी पहले के सिक्के है। भारत का पहला सिक्का भी देखा है, अच्छा लगा।
वेदांस, स्टूडेंट्स


आगरा के पीएल प्लेस होटल में पुराने सिक्कों की एग्जीबिशन का आयोजन बहुत ही आकर्षक है। इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए।
संजय अग्रवाल, राजस्थान


हम लोग परिवार के साथ राजस्थान से आए है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट न्यूज पेपर मेें एग्जीबिशन के बारे में जानकारी मिली थी।
संचिता अग्रवाल, धौलपुर


हमारे पास भारत सरकार की ओर से विशेष अवसर पर लांच होने वाले सिक्के हैं। हाल ही में जी-20 पर के मौके पर सौ रुपए का सिक्का लांच हुआ था।
अभिषेक, स्टॉल संचालक


चंादी का खडुआ। ये तीन सौ साल पुराना है। इनका वजन करीब पांस सौ से छह सौ ग्राम का है। उस समय ये महिलाएं पहना करती थीं।
मनीष मिश्रा, स्टॉल संचालक
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अवध नबाव का हुक्का जो करीब ढाई सौ साल पुराना है, इसके साथ ही मुगलकाल के पानदान लोगों को खूब भा रहे हैं।
राजा साहब, लखनऊ


इस आगरा कॉइन एक्सपो पर आगरा के प्रसिद्ध मुद्रा संग्रहकर्ताओं का सम्मान भी किया गया है। यहां देश के कई राज्यों से एग्जीबिशन में लोग शामिल होने आए हैं।
रमिन्द्र सिंह, स्टॉल संचालक