आगरा। आई नेक्स्ट की ओर से व‌र्ल्ड योगा डे और फादर्स डे के संयुक्त अवसर पर 'पापा करो योगा' के तहत सिटी के उन फादर्स से बात की जो योगासन को लेकर खासे अवेयर हुए हैं। बड़ों ने बच्चों के साथ ही साथ योगासन शुरू किए तो यह नजारा ही देखने लायक था। संडे को पालीवाल पार्क में आई नेक्स्ट की ओर से पापा करो योगा एक्टिविटी का आयोजन भी किया गया। जहां पर आगरा सिटी के पापा अपने-अपने बच्चों के साथ योगासन करने के लिए पहुंचे।

अब रेग्युलर योगा

आयुर्वेदिक दवाओं का कारोबार करने वाले बलराम गोयल अविवाहित हैं। जीवनी मंडी मयूर अपार्टमेंट के रहने वाले 31 साल के बलराम ने योगासन की सीख तो बचपन से ही अपने पापा से ले ली थी। लेकिन, कारोबारी की व्यस्तता के चलते योगा को समय नहीं दे पा रहे थे। लेकिन, अब रेग्युलर योगासन की शरण में चल पड़े हैं।

रोज 20 मिनट, संडे को एक घंटा

बलराम गोयल बताते हैं कि वैसे तो हर रोज 15-20 मिनट योगासन करने के पक्षधर हैं। हां, वीक एंड यानि कि संडे के दिन जरूर पालीवाल पार्क में जाकर वॉकिंग करने जाते हैं। इसी दौरान लगभग एक घंटा योगासन करने में इंस्ट्रेट है। उनके साथ उनकी पांच साल की भतीजी भी योगासन करती है।

एनसीसी से मिला अनुशासन

सिटी के ही एक और कारोबारी राहुल जैन भी योगासन की राह पर चल पड़े हैं। ककरैठा निवासी 41 साल के राहुल जैन बताते हैं कि बचपन में उनके पास एनसीसी हुआ करती थी। 1989 में उन्होंने एनसीसी का -योगासन कर रहे हैं आगराइट्स

अब योगा का सहारा

राहुल जैन बताते हैं कि उनका साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स का कारोबार है। स्कूल्स को इंस्ट्रूमेंट के साथ ही साथ योगा और फिजिकल एजुकेशन संबंधी चार्ट भी सप्लाई करते हैं। इसी से योगासन करने की प्रेरणा भी मिली। यही वजह रही कि संडे को आई नेक्स्ट की पापा करो योगा में शामिल होने जब पालीवाल पार्क पहुंचे तो यहां उन्होंने योगासन भी किए। राहुल बताते हैं कि फ्रीगंज स्थित रामा देवी मार्केट में उनका ऑफिस है, जहां वे योगासन किया करेंगे। छत पर जब योगा करेंगे तो उस मार्केट की रेजीडेंशियल पॉकेट में रहने वाले करीब बीस परिवारों को लगभग 80-100 लोग भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि दो बेटे हैं। बड़ा नौ साल का और छोटा सात साल का। जब खुद योगा करेंगे तो बच्चे भी इसको सीखेंगे। 'बी' सर्टिफिकेट पास किया। इस दौरान परेड और फायरिंग की प्रैक्टिस करने का मौका मिलता था। 1992 तक एनसीसी में ही रहे। जिससे बचपन से ही लाइफ खासी अनुशासित हो गई। इसका फायदा आज भी मिल रहा है।