-झमाझम बारिश से शहर बना तालाब, उफनाते रहे नाले

आगरा: मंगलवार को शहर में हुई झमाझम बारिश से मलिन बस्तियों से लेकर पाश कालोनियों तक के लोगों को परेशान होना पड़ा। बारिश ने नालों की सफाई के नगर निगम के दावों की पोल खोल दी। इस साल नालों की सफाई ठीक से न होने के चलते जल निकासी देरी से हुईं। वहीं मधुनगर, खेरिया मोड़ सहित कई जगहों पर नगर निगम के पंप समय पर नहीं चले तो कहीं पर डीजल खत्म हो गया। इससे नगर निगम की पोल खुल गई।

331 हैं नाले

नगर निगम के सौ वार्डों में 331 नाले हैं। इसमें 21 बड़े और 15 भूमिगत नाला शामिल है। शासन के आदेश के अनुसार 15 अप्रैल से 15 जून तक नाला सफाई होनी चाहिए लेकिन, निगम की टीम ने यह कार्य 15 मई से शुरू किया। नालों की सफाई तलीझाड़ नहीं हुई। इससे जरा सी बारिश में जलभराव हो रहा है।

मकानों में भरा पानी

रामबाग रोड हो या फिर गोबर चौकी और का¨लदी विहार। इन क्षेत्रों में दुकानों से लेकर मकानों तक में पानी भर गया।

इन क्षेत्रों में हुआ जलभराव

कमला नगर, जयपुर हाउस, भगवती बाग, लोहामंडी, शाहगंज, तहसील सदर के आसपास, चर्च रोड, एमजी रोड, माल रोड, फतेहाबाद रोड, नुनिहाई और सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र, शास्त्रीपुरम, पश्चिमपुरी, टेढ़ी बगिया, का¨लदी विहार, रामबाग रोड, राधा नगर, कृष्णा बाग कालोनी, मंटोला रोड, बिजलीघर चौराहा, बाग फरजाना, दिल्ली गेट, राजा की मंडी रोड, गोबर चौकी, आवास विकास कालोनी सेक्टर तीन, चार, सात, 12, 15 और 16, कैलाशपुरी रोड, होटल भावना क्लार्क इन के पास, बाईंपुर रोड।

नालों में बह गई सिल्ट

48 घंटे के भीतर मानसिक स्वास्थ्य संस्थान रोड के नाला, बाईंपुर रोड, जयपुर हाउस रोड के नालों की सफाई हुई थी। सिल्ट का उठान न होने पर यह नालों में बह गई।

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शहर में हुए जलभराव के लिए नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर और अफसर दोषी हैं। जिन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

मुकेश यादव, पूर्व पार्षद

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नालों की सफाई अंतिम छोर से शुरुआत तक होनी चाहिए। इस साल जल्दबाजी में आधे अधूरे नाले साफ हुए हैं। इसी के चलते जलभराव हो रहा है।

-धर्मवीर सिंह, पार्षद

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सोशल मीडिया पर जलभराव

विभिन्न क्षेत्रों में हुए जलभराव की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इस पर लोगों ने खूब कमेंट किया।