-आईजी नवीन अरोरा की पहल पर वाहनों की चेकिंग का प्लान तैयार
-रोड पर अचानक तेज आवाज में बज रहे हूटर बन रहे दुर्घटना का कारण
आगरा। ताजगनरी में प्रतिबंध के बाद भी सार्वजनिक स्थानों और रोड पर तेज आवाज के साथ बज रहे हूटर शोर कर रहे हैं। इसके अलावा ऑटो में गाने बजाए जा रहे हैं। तय मानक से कई गुना ज्यादा डेसिबल हॉर्न लगाकर ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। ऐसे वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए रूल्स तैयार किए गए हैं। इससे आसपास चलने वाले वाहन चालक भ्रमित होकर हादसे का शिकार हो जाते हैं, ऐसे में आईजी नवीन अरोरा की पहल पर वाहनों की चेकिंग के लिए अभियान प्लान किया है। जो पिछले एक सप्ताह के लिए शुरू किया गया था। जिसके अंतर्गत नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी।
बेरोकटोक बिक रहे प्रेशर हॉर्न
ऑटोमोबाइल की दुकानों पर प्रेशर हॉर्न की बिक्री बेरोकटोक की जा रही है। दुकानदार हॉर्न बेच कर मोटी कमाई कर रहे हैं। बावजूद इसके इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस हो या एडमिनिस्ट्रेशन कभी जांच के लिए भी इन ऑटोमोबाइल शॉप पर नहीं जाते। इसका नतीजा है कि शहर में धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न लगी गाडि़यां शोर मचा रही हैं। ऐसे में आसपास चलने वाले वाहन चालकों को समस्या का सामना करना पड़ता है।
जुर्माने के रेट किए गए दो गुना
ध्वनि व वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है। इसे पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया है। हालांकि अभी तक दस हजार रुपये जुर्माना किसी व्हीकल पर नहीं किया गया है।
सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स
गाडि़यों में हॉर्न ऐसा होना चाहिए जिससे शोर न मचे। इसके लिए सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स ने नियम बनाये हैं। इसके तहत 93 से 112 डेसिबल तक हॉर्न की आवाज होनी चाहिए। कंपनी से गाडि़यों में इतने ही डेसिबल के हॉर्न लगाये जाते हैं, लेकिन शौकिया लोग अलग से प्रेशर हॉर्न लगा लेते हैं, जो करीब दो सौ से ढाई सौ डेसिबल का होता है। यह नियम के खिलाफ तो है ही साथ कानों को भी नुकसान पहुंचाता है।
नहीं है जुर्माने का डर
शहर में चलने वाली गाडि़यों में प्रेशर हॉर्न का यूज करने पर ट्रैफिक पुलिस जुर्माना भी करती है। प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर दो हजार से लेकर पांच हजार तक जुर्माना लगाया जाता है। चेकिंग अभियान के दौरान अक्सर पुलिस ऐसे वाहनों पर फाइन लगाती है। इसके बाद भी लोग प्रेशर हॉर्न गाडि़यों में धड़ल्ले से लगवा रहे हैं।
जिले के लिए जारी किए रूल्स
-शहरी क्षेत्र में डीजल ऑटो, 15 वर्ष से पुराने वाहनों के लाइसेंस किए गए निरस्त
-बीएस-2, बीएस-3 व बीएस-4 के कमर्शियल वाहनों की प्रदूषण जांच जरूरी
-प्रदूषण प्रमाण पत्र होने के बाद भी इंजन की खराबी पर धुआं निकलने पर होगी कार्रवाई
रूल्स फॉलो नहीं करने पर 10 हजार तक जुर्माना
-हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी दुकानों पर एक्शन नहीं खुले में बिक रहे हॉर्न
-1000 हजार से तीन हजार है फोर व्हीलर के प्रेशर हॉर्न की कीमत
-300 सौ से पांच सौ है टू व्हीलर के प्रेशर हॉर्न का रेट
-93 से लेकर 112 डेसीबल आवाज वाले हार्न लगाने का है नियम
-200 से ढाई सौ डेसीबल के होते हैं प्रेशर हार्न
-2000 हजार से पांच हजार तक का है प्रेशर हार्न पर जुर्माना
-प्रेशर हॉर्न व मॉडीफाई सायलेंसर से मचा रहे शोर, मानक से कहीं ज्यादा शोर
चला अभियान
-ध्वनि प्रदूषण में किए गए चालान
100 से अधिक
-वायु प्रदूषण के मामले में वाहनों के चालान
142
इन स्थानों पर बिक रहे हार्न
-दिल्ली गेट हरीपर्वत
-बालूगंज, रकाबगंज
-भगवान टॉकिज न्यू आगरा
-बल्केश्वर, कमला नगर
-प्रतापपुरा चौराहा
-साईं की तकिया चौराहा
-नामनेर चौराहा
-कुतुलपुर
-शाहगंज, रुई की मंडी
-अर्जुन नगर खेरिया मोड
वर्जन
शहर में दो पहिया व चार पहिया गाडि़यों में प्रेशर हॉर्न लगाने और बिक्री पर पूरी तरह से बैन है। यदि कोई ऐसे हॉर्न को बेच रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए तीन अगस्त से अभियान शुरू किया गया था, जो 9 अगस्त तक चला। इस दौरान ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई है।
सुभाष राय, ट्रैफिक इंस्पेक्टर
वर्जन
प्रेशर हार्न, कटे साइलेंसर व डग्गामार वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। पिछले एक सप्ताह के लिए यह ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण करने वाले वाहन चालकों जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई है,
नवीन अरोरा, आईजी रेंज