- अब तक 8 ट्रांसफर स्टेशन बनाए जा चुके हैं

- शहरभर में 26 ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाने हैं

- प्राइवेट कंपनी को दी जाएगी जिम्मेदारी

आगरा। शहर में अब डलावघर की जगह सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन लेंगे। इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। अब तक आठ सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण हो चुका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे ये ट्रांसफर स्टेशन जहां शहर को डलावघर मुक्त कर रहे हैं, तो वहीं सेनेटाइजेशन मॉडल की भी आने वाले समय में अहम कड़ी साबित होंगे।

प्राइवेट कंपनी के हवाले काम

शहर को डलावघर मुक्त बनाने के लिए नगर निगम की ओर से कवायद तेज कर दी गई। करीब 26 सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण किया जाना है। इनमें से आठ तैयार हैं। शेष ट्रांसफर स्टेशन के लिए जगह तलाशने के साथ निर्माण का खाका भी तैयार किया जा रहा है। निगम अधिकारियों के अनुसार इन ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण की जिम्मेदारी भी प्राइवेट कंपनी को सौंपी जाएगी।

ऑपरेट भी करेगी कंपनी

प्राइवेट कंपनी सिर्फ इसका निर्माण नहीं करेगी, बल्कि इसकी देखरेख के साथ पांच साल तक ऑपरेट करने की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। ट्रांसफर स्टेशन से कूड़े के कंटेनर को कुबेरपुर लैंडफिल साइट तक पहुंचाने का काम भी इसी प्राइवेट कंपनी की ओर से किया जाएगा।

शहर में सफाई का ये होगा मॉडल

घर से कूड़ा कलेक्शन

इसकी जिम्मेदारी डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वाली प्राइवेट कंपनी संभालेगी। कंपनी के कर्मचारी घर से कूड़ा कलेक्ट करने के साथ उसका सेग्रगेशन (सूखा गीला कचरा अलग करना) भी करेंगे। इस कूड़े को ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाएंगे।

ट्रांसफर स्टेशन से कूड़ा कलेक्शन

इसका काम भी प्राइवेट कंपनी को सौंपा जाएगा। प्राइवेट कंपनी अपने वाहन से सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन से कूड़े को कुबेरपुर साइट तक पहुंचाएगी।

सड़क और नाला-नाली सफाई

इसकी जिम्मेदारी निगम कर्मचारी निभाएंगे। वह नाला-नाली सफाई करने के साथ सिल्ट भी उठाएंगे। शहर की अधिकतर सड़क की सफाई भी निगम कर्मचारी संभालेंगे। पार्क की सफाई भी निगम कर्मचारी ही करेंगे।

कंस्ट्रक्शन मेटेरियल का उठान

निगम शहर में जगह-जगह कंस्ट्रक्शन वेस्ट मेटेरियल के उठान की जिम्मेदारी भी निभाएगा। इसमें नगर निगम के बड़े वाहनों को लगाया जाएगा।

यहां बनाए गए हैं सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन

जूता की मंडी के पास, राजनगर लोहामंडी

पुरानी मंडी चौराहा के पास, ताजगंज

ताजमहल के पूर्वी गेट के पास, ताजगंज

संजय प्लेस स्थित सीडब्ल्यूआर के सामने

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आईएसबीटी के पीछे

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आईएसबीटी के पीछे

धांधूपुरा ट्रांसफर स्टेशन

शहर हर रोज औसतन 795 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।

क्या होता है सॉलिड ट्रांसफर स्टेशन?

फॉरेन कंट्रीज में प्लांट तक कूड़ा पहुंचाने से पहले कूड़े को एक जगह पर एकत्रित करने के लिए बिन या सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन या क्लोज ट्रांसफर स्टेशन बने होते हैं। इन ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण शहर में जमीन के ऊपर और अंडरग्राउंड दोनों तरह से किया जा सकता है। ताजनगरी में अब तक जमीन के ऊपर इन ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण किया गया है। इसमें एक बहुत बड़ा कंटेनर होता है, जिसमें कूड़ा भरा जाता है। मशीन से इस कंटेनर में कूड़े को दबाया जाता रहता है। जब कंटेनर पूरा भर जाता है तो इनको गाडि़यों से उठाकर कुबेरपुर लैंडफिल साइट तक पहुंचा दिया जाता है।

अभी क्या है समस्या?

अभी शहर में कई जगह डलावघर खुले पड़े हैं। डलावघर के आसपास भी कचरा बिखरा रहता है। जानवर भी यहां घुस जाते हैं। इससे शहर की छवि भी खराब होती है। वहीं डलावघर से कचरा ले जाने के दौरान वाहन से कचरा सड़क पर फैलता हुआ जाता है।

ट्रांसफर स्टेशन से फायदा

डलावघर अब ट्रांसफर स्टेशन की शक्ल लेंगे। इनके बनने के बाद डलावघर में कचरा बिखरा हुआ दिखाई नहीं देगा। न ही आंधी-तूफान में यहां से कूड़ा उड़ेगा। बल्कि मशीन दिखाई देगी। इससे डलावघर के आसपास भी गंदगी नहीं होगी। जानवर भी नहीं दिखेंगे। कचरा खुले वाहन में नहीं जाएगा, बल्कि पूरा कंटेनर वाहन में जाएगा, जिससे सड़क पर कचरा नहीं फैलेगा।

वर्जन

अब तक आठ सॉलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण हो चुका है। करीब 26 ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण होना है। इसके लिए जगह तलाशी जा रही है। इनका भी जल्द निर्माण कराया जाएगा।

आशीष शुक्ला, अधिशासी अभियंता एवं प्रभारी स्वच्छ भारत मिशन