- नगर निगम ने तैयार किए हैं 148 पब्लिक टॉयलेट
आगरा। अब आप शहर के पब्लिक टॉयलेट को गूगल मैप पर सर्च कर सकते हैं। इसके लिए व्हेयर इज पब्लिक टॉयलेट एप के माध्यम से या गूगल पर एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) टॉयलेट लिखकर अपने शहर में नजदीकी पब्लिक टॉयलेट सर्च कर सकते हैं। शहर में नगर निगम ने 148 पब्लिक टॉयलेट तैयार किए हैं। इनको गूगल पर अपलोड किया जा चुका है। इस बारे में एसबीएम के प्रोजेक्ट मैनेजर केके पांडेय ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत पब्लिक टॉयलेट को गूगल मैप पर अपलोड कर दिया है। अब लोगों को पब्लिक टॉयलेट के तलाशने के लिए किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी।
गूगल सर्वे कर बनाए गए हैं टॉयलेट
शहर में गूगल मैपिंग द्वारा सर्वे कर टॉयलेट बनाए गए हैं। इसमें नगर निगम के तहत 100 वार्डो में सर्वे कराया गया। इसमें 148 पब्लिक टॉयलेट को गूगल मैप पर अपलोड कर दिया गया है। नगर निगम के 100 वार्डो में 27 जुलाई 2018 को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम शहर में आई थी। टीम ने शहर को ओडीएफ सत्यापित कर दिया था। फिर 22 जनवरी 2019 को टीम द्वारा ओडीएफ डबल प्लस सत्यापित कर दिया गया था। कम्युनिटी टॉयलेट की सफाई व उनके रखरखाव के लिए पांच निजी संस्थाओं को चयनित किया गया है। प्रत्येक संस्था को 25 टॉयलेट की सफाई और रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है।
कई स्थानों पर नहीं पब्लिक टॉयलेट
अभी शहर में कई ऐसे बाजार हैं, जहां पब्लिक टॉयलेट नहीं हैं। इसके चलते महिलाओं को बाजार में शॉपिंग के दौरान बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यहां अब भी नहीं पब्लिक टॉयलेट
सदर बाजार
राजा की मंडी
जौहरी बाजार
सेब का बाजार
कश्मीरी बाजार
फुव्वारा
दरेसी
लुहारगली
कसरेट बाजार
शाहगंज
सिंधी बाजार
500 मीटर के दायरे में होनी थी उपलब्धता
भारत सरकार से जारी डेक्लेरेशन योर सिटी व टाउन ओपन डीफिकेशन टूल किट्स में खुले में शौच रोकने के लिए कुछ नियम शर्तें तय की गई थी। उसके मुताबिक ऐसे क्षेत्रों के 500 मीटर के दायरे में टॉयलेट की उपलब्धता कराई जानी थी। हालांकि अभी शहर में कई स्थानों पर टॉयलेट नहीं है।
शहर में शौचालय की स्थिति पर एक नजर
100 वार्डो में 15 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया
- 100 वार्डो में लक्ष्य के सापेक्ष 47508 आवेदन प्राप्त हुए।
- इनमें 16906 वेरीफाइड कर सेंशन किए गए।
- 24127 आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया था।
- अफसरों के अनुसार 16906 शौचालय पूरे होने का दावा
- 148 यूनिट टॉयलेट के निर्माण कराए गए।
- 100 वार्डो में 1260 सामुदायिक शौचालय पहले से मौजूद थे
-मौजूदा समय में 2686 सामुदायिक टॉयलेट हैं
- मौजूदा समय में इनकी संख्या बढ़कर 646 हो गई है।
-10 करोड़ एक लाख 92 हजार ओडीएफ पर खर्च
- कम्युनिटी टॉयलेट के लिए शासन द्वारा 689.19 लाख का बजट उपलब्ध कराया गया था। ।
- 25 नवंबर 2018 को जिला ओडीएफ घोषित हुआ।
- जिले में 3 लाख 61 हजार 948 टॉयलेट बनाए जा चुके हैं।
- एक टॉयलेट पर शासन द्वारा 12 हजार रुपये धनराशि खर्च की गई।
- एलओबी लेफ्ट आउट बेसलाइन के तहत 29 हजार 195 टॉयलेट बनाए गए।
- एलओएलबी लो वन बिहाइंड के तहत 207 टॉयलेट बनाए गए।
- एसबीएम के तहत 2 लाख 36 हजार 267 टॉयलेट बनाए गए।
इन अभियानों के तहत बनाए गए टॉयलेट
- निर्मल भारत अभियान
-सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान
-स्वच्छ भारत
-स्वच्छ भारत मिशन
नोट: अभी ग्राम निधि से भी टॉयलेट बनाए जा रहे हैं। इसमें दो यूनिट के टॉयलेट पर 3 लाख रुपये और 4 यूनिट के टॉयलेट पर 5 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं।
पब्लिक टॉयलेट को गूगल मैप पर अपलोड किया जा चुका है। इनको गूगल मैप से आसानी से सर्च किया जा सकता है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर तैयारियां चल रही है। इस बार प्रयास रहेगा कि आगरा टॉप टेन में स्थान प्राप्त कर सके।
केके पांडेय, प्रोजेक्ट मैनेजर एसबीएम, नगर निगम आगरा