- एसएन में 70 मरीज तक पेशेंट्स इसके शिकार

आगरा। शहर की हवा लोगों का दम फूला रही है। लंग्स डिजीज के पेशेंट्स की संख्या में इजाफा हो रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में 60 से 70 परसेंट पेशेंट्स इसी बीमारी के आ रहे हैं। डॉक्टर्स इसके पीछे की वजह बदलते मौसम के साथ पुअर एयर क्वॉलिटी को भी मान रहे हैं।

खराब है हवा की गुणवत्ता

हवा की सेहत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा संजय प्लेस में लगाए गए एयर मॉनिटरिंग सिस्टम के अनुसार रविवार को आगरा का एक्यूआई 252 माइक्रोग्राम क्यूबमीटर रहा। इस वीक पर नजर डालें तो सोमवार को एक्यूआई 179 था, मंगलवार को ये बढ़कर 251 हो गया। इसके बाद से एक्यूआई लगातार पुअर लेवल पर बरकरार है। ये सामान्य से पांच गुना ज्यादा है।

जहरीली गैंसों की बढ़ी मात्रा

एक्यूआई बढ़ने से हवा में जहरीली गैसों का पार्टिसिपेशन बढ़ गया है। नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड का स्तर हवा में बढ़ गया है। कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड और ओजोन गैस की मात्रा सामान्य से ज्यादा पाई गई है। इनकी मात्रा हवा में बढ़ने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ऐसे में जो लोग लंग्स डिजीज से ग्रसित हैं, उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होती है। कम इम्यूनिटी वाले लोगों में इस वक्त खांसी, जुकाम और निमोनिया जैसी दिक्कतें भी आने लगती हैं। एलर्जी वाले पेशेंट्स के लिए ऐसी हवा खतरनाक साबित होने लगती है।

ज्यादातर आ रहे ऐसे पेशेंट्स

पिछले एक सप्ताह में एयर क्वॉलिटी पुअर होने से सर्दी-जुकाम और निमोनिया, सांस और दमा रोगियों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। इससे बच्चों को भी काफी ज्यादा परेशानी हो रही है। बच्चों में इस वक्त निमोनिया और पसली चलने जैसी समस्या सामने आ रही हैं। एसएन की ओपीडी के अलावा अन्य डॉक्टर्स के पास भी इस प्रकार के पेशेंट्स ज्यादा आ रहे हैं।

हवा में कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड और ओजोन के पृथ्वी की निचली सतह में बढ़ने से सांस लेने मे दिक्कत होती है। इस कारण बच्चों और बड़ों दोनों में सांस लेने में दिक्कत और निमोनिया जैसी शिकायत होने लगती हैं। इस वक्त ऐसे ही पेशेंट्स की संख्या ज्यादा है।

-डॉ। विजय सिंघल