आगरा( ब्यूरो) कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैैं। इसको लेकर सभी लोग परेशान हैैं। लोग सोच रहे हैैं कि ओमिक्रोन से कैसे बचाव होगा, इसके क्या परिणाम होंगे, इससे कैसे बचाव होगा? इन सब का जवाब है कि ओमिक्रोन कोरोना वायरस का ही वेरिएंट है। इससे बचाव के लिए पुराने तरीके ही काम आएंगे। मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन करना, हाथों को साफ रखने जैसी बेसिक टिप्स ही ओमिक्रोन से बचाव करेंगी।

स्वास्थ्य विभाग भी कर रहा तैयारी
ओमिक्रोन से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग भी पुराने तरीके से ही तैयारी कर रहा है। पहले की तरह ही कोविड वार्ड तैयार कर दिए गए हैैं। ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ाई गई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले की तरह ही कोरोना संक्रमित मिलने पर पहले की तरह ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करके कोविड सैैंपलिंग कर रहा है।

लापरवाही दिखा रहे लोग
ओमिक्रोन के केस लगातार बढ़ रहे हैैं। लेकिन इसके बावजूद लोग पहले की तरह बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। बाजारों में भी बहुत से लोग मास्क के बगैर दिखाई देते हैं। इस तरह का व्यवहार कोरोना से बचाव के अनुकूल नहीं है। इससे मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीएमओ ने बताया कि दो साल से कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का आप पालन कर रहे हैैं जो आपकी रूटीन की आदतों में शामिल हो गया है। इस आदत को बरकरार रखें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।


तबियत खराब होने पर हो जाएं आइसोलेट
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉ। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि इस वक्त आप कहीं से सफर करके आए हैैं और आपको सर्दी-जुकाम या अन्य लक्षण दिखें तो स्वयं को दूसरों से अलग रखें और आइसोलेट कर लें। इससे संक्रमण की स्थिति होने पर दूसरों संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बीमार है तो सफर न करें। क्योंकि इस वक्त अब आम दिन वापस आ गए हैैं और लोग खूब यात्राएं कर रहे हैैं। यदि किसी को कोई लक्षण हैैं तो यात्रा करने से परहेज करें। बीमार होने के बावजूद सफर करने पर संक्रमण बढऩे का खतरा हो सकता है।

सुरक्षा के साथ जाएं स्कूल और ऑफिस
दूसरी लहर के बाद ऐसा माना जा रहा था कि तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैैं। इसलिए बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ स्कूल भेजें। उन्हें मास्क पहने रखने की ट्रेनिंग दें। स्कूल में किसी के साथ अपना टिफिन शेयर न करने को कहें। स्कूल में बच्चों शारीरिक दूरी का पालन करने को कहें। यदि बच्चे की तबियत खराब है तो उसे स्कूल न भेजें। इसी तरह से आप ऑफिस में भी सावधानी बरतें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। इसके साथ ही ऑफिस के साथियों के साथ टिफिन शेयर करने से बचें।

इम्युनिटी रखें मेंटेन
कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट की तरह ओमिक्रोन से बचने के लिए भी इम्युनिटी को मेंटेन रखना जरूरी है। इसके लिए खानपान में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन व एंटीआक्सीडेंट युक्त भोजन शामिल करें। पौष्टिक आहार से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ठीक बनी रहती है। कम से कम एक बार शाम को घर आने पर भाप जरूर लें। इसके अलावा प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे का समय व्यायाम व योग के लिए जरूर निकालें। बाजार व खुले स्थान पर बिकने वाली चीजों के सेवन से बचें।

मास्क पहनकर ही बाहर जाएं
वैक्सीन आने से पहले एक नारा था कि मास्क ही वैक्सीन। लेकिन वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क ही कोरोना वायरस से बचाने वाला रक्षक है। इसलिए घर से बाहर निकलें तो मास्क पहनकर ही निकलें। इसके साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें। यदि कोई मास्क नहीं पहन रहा है तो उसे टोक भी सकते हैैं।

वैक्सीनेशन में न करें देरी
कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना भी जरूरी है। इसलिए वैक्सीनेशन कराने में जरा भी देरी न करें। सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि सभी लोग अपने वैक्सीनेशन अवश्य करा लें। जिन लोगों की दूसरी डोज ड्यू है वे अपने दूसरी डोज अवश्य लगवाएं।

विदेश से आए हैैं तो न छुपाएं
जो लोग विदेश यात्रा करके आ रहे हैं, वे स्वेच्छा से कुछ दिन के लिए क्वारंटाइन हो जाएं। जिम्मेदार नागरिक की तरह सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करें और विदेश से आने वाले लोग अपनी यात्रा को छिपाने से बचें। हो सकता है कि उनमें बीमारी के लक्षण न हों, लेकिन यदि वे संक्रमित होंगे तो दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।

ओमिक्रोन से बचाव के लिए भी आपको कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। लोग इसके लिए मास्क का उपयोग करने में जागरुकता दिखाएं। सार्वजनिक स्थानों पर शारीरिक दूरी का पालन करें। सभी लोग अपना वैक्सीनेशन कराएं।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिन नियमों का पालन पहले से कर रहे हैैं। उन्हें जारी रखें। मास्क पहनें, शारीरिक दूरी का पालन करें। वैक्सीनेशन कराएं। यदि सफर से आए हैैं और सर्दी-जुकाम व बुखार जैसे लक्षण दिखें तो खुद को एहतियातन आइसोलेट कर लें।
-डॉ। प्रभात अग्रवाल, मेडिसिन विभाग, एसएनएमसी