- लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दो सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रही थी कार

- हादसा सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड, फर्रुखाबाद के कारोबारी की थी कार, नोएडा जा रहा था परिवार

आगरा : आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे पर रविवार सुबह दो सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कारोबारी की कार दौड़ रही थी। फतेहाबाद क्षेत्र में किलोमीटर 22 पर कार अनियंत्रित हो डिवाइडर से टकराकर पलट गई। राहगीरों और पुलिस ने कार सवारों को बाहर निकाला। तब तक कारोबारी की मां की मौत हो गई। कारोबारी समेत पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक्सप्रेस वे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में हादसे की रिकॉर्डिंग हो गई है।

फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद निवासी अंशुल गुप्ता की मोटरसाइकिल की एजेंसी है। रविवार सुबह वे अपनी हुंडई क्रेटा कार से नोएडा में अपनी बहन के घर जा रहे थे। कार में उनकी 55 वर्षीय मां माया आगे बैठीं थीं। पत्नी विभा, बहन मृगनैनी, बेटा आरुश और बेटी सांवरी पीछे की सीट पर बैठे थे। सुबह आठ बजे कार तेज गति से फर्रुखाबाद से आगरा की ओर आ रही थी। फतेहाबाद टोल प्लाजा के पास किलोमीटर 22 पर आते ही कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इसके बाद चीख पुकार मचने लगी। राहगीरों और पुलिस ने सभी को कार से बाहर निकाला। तब तक माया की सांसें थम चुकीं थीं। हादसे में घायल अंशुल व उनके परिवार के अन्य सभी सदस्यों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। लखनऊ एक्सप्रेस वे के सुरक्षा अधिकारी जगदीश सिंह भी मौके पर पहुंच गए। हादसे का कारण जानने के लिए उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग चेक की। जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा था। रिकार्डिंग चेक की तो उनके होश उड़ गए। स्पीड रडार के मुताबिक हादसे के समय कार की रफ्तार दो सौ किलोमीटर प्रति घंटा थी। स्पीड अधिक होने के कारण ही मामूली मोड़ पर ही कार अनियंत्रित हो गई। उन्होंने कार की लखनऊ की ओर से आने की रफ्तार की जानकारी भी की। इसमें पता चला कि 114 से 32 किमी के बीच में कार की स्पीड 117 किमी प्रति घंटा थी और 116 से 114 किमी के बीच में कार की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई। एक्सप्रेस वे के सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि ओवरस्पीड के कारण हादसा हुआ है। एक्सप्रेस वे पर निर्धारित गति सीमा सौ किमी प्रति घंटा है। इससे अधिक रफ्तार से कार चलाने में जोखिम है।