आगरा: कोरोनावायरस से बच्चों को बचाने के लिए ऑनलाइन क्लास जारी हैं। सरकार ने बच्चों को राहत देते हुए क्लास का समय छह घंटे से घटाकर तीन घंटे कर दिया है। इस निर्णय से ऑनलाइन क्लास से जुडे़ रहने वाले बच्चों को राहत मिली है। ऑनलाइन क्लास को लेकर जारी गाइडलाइन को लेकर पेरेंट्स और बच्चे राहत महसूस कर रहे हैं। छह घंटे से अधिक समय क्लास से बच्चों में सिर दर्द जैसी समस्या सामने आ रहीं थीं।

अब यह रहेगा ऑनलाइन क्लास का समय

बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार बताया कि ऑनलाइन क्लास को लेकर गाइडलाइन के तहत अब प्री-प्राइमरी क्लास सिर्फ तीस मिनट तक ही चलेगी। क्लास एक से आठ तक की 30 से 45 मिनट तक चलेगी। इस मामले में पेरेंट्स का कहना है कि स्क्रीन के सामने छह घंटे तक बैठने के बाद बच्चों के सामने शारीरिक समस्याएं आ रहीं थीं। वहीं छोटे बच्चों को लैपटॉप और मोबाइल के सामने बिठाकर रखना भी पेरेंट्स के लिए बड़ी चुनौती बन रहा था।

मोबाइल बढ़ाता है आंखों का स्ट्रेस

नेत्र रोग विशेषज्ञ का डॉ। राजेश माथुर का कहना है कि घंटों मोबाइल और लैपटॉप पर काम करने पर काफी अधिक स्ट्रेस रहता है। इससे बच्चों को कई तरह की परेशानियां हो रहीं हैं। जितना कम समय में बच्चे ऑनलाइन क्लास का हिस्सा बने रहेंगे उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। लेकिन तीन घंटे में भी बच्चों को सावधानी बरतनी होगी। बीस मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक जरूरी है।

ऑनलाइन क्लास का समय घटाकर तीन घंटे कर दिया गया है। ऐसे में छह घंटे लगातार क्लास लेने से आंखों में जलन जैसी समस्याएं सामने आ रहीं थीं। बच्चों के लिहाज से सराहनीय निर्णय है।

आकांक्षा अग्रवाल, पेरेंट्स

लगातार छह घंटे लैपटॉप पर बैठना और दिए गए होमवर्क को समझना काफी मुश्किल भरा होता था। बच्चों को समझाना पढ़ता था कि क्लास खत्म होने के बाद ही वह अपना फेवरेट कार्टून देख सकते हैं।

निशि मित्तल, पेरेंट्स

बच्चे ऑनलाइन क्लास का हिस्सा जितना कम समय रहेंगे उतना ही उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। लेकिन तीन घंटे में भी बच्चों को सावधानी बरतनी होगी। ऑनलाइन क्लास के समय ब्रेक देना भी जरूरी है।

सुनीता रानी, पेरेंट्स