- छह साल पहले स्वास्थ्य विभाग से जारी हुआ था लाइसेंस

- एडीए अफसरों के पास पहुंचीं शिकायतें, होगी जांच

आगरा। भगवान टॉकीज चौराहे के पास स्थित श्री पारस अस्पताल प्रबंधन की मुसीबत और बढ़ने जा रही है। छह साल पूर्व स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस जारी हुआ था, लेकिन अस्पताल का आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) से नक्शा पास नहीं है। बुधवार को इसकी शिकायतें एडीए अफसरों के पास पहुंचीं, इस पर मामले की जांच कराई जा रही है।

बिना अनुमति नहीं हो सकता निर्माण

शिकायतकर्ता अशोक कुशवाहा ने बताया कि नया भवन हो या फिर पुराना, एडीए से बिना अनुमति के कोई भी निर्माण नहीं हो सकता है। श्री पारस अस्पताल प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। तत्कालीन एडीए के इंजीनियरों की मिलीभगत से बि¨ल्डग का निर्माण कर लिया गया। यहां तक अस्पताल में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। शिकायतों के बाद भी इसकी जांच नहीं हुई। समाजसेवी नरेश पारस ने कहा है कि बिना नक्शा के अस्पताल कैसे बन गया, इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

एक जून 2015 को श्री पारस अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस मिला था। भवन पूर्व से बना था, ऐसे में अलग से कोई नक्शा पास नहीं कराया गया।

डॉ। अ¨रजय जैन, निदेशक, श्री पारस अस्पताल

श्री पारस अस्पताल का नक्शा पास न होने का मामला संज्ञान में आया है। एडीए से नक्शा पास है या नहीं, इसकी जांच कराई जाएगी।

राजेंद्र प्रसाद, सचिव, आगरा विकास प्राधिकरण

32 शिकायतों में 27 का निस्तारण

- तीन शिकायतों की चल रही जांच, दो में दिए गए नोटिस

आगरा : लोक महामारी समिति की बुधवार को बैठक हुई। इसमें अस्पतालों द्वारा मनमाने तरीके से वसूले गए बिलों पर चर्चा की गई। समिति के पास अब तक 32 शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें 27 का निस्तारण किया जा चुका है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने बताया कि तीन शिकायतों की जांच चल रही है। दो अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं। सबसे अधिक शिकायतें रवि अस्पताल, रामरघु अस्पताल, सिनर्जी अस्पताल, पल्स अस्पताल, सफायर और पाठक अस्पताल की हैं। एडीएम सिटी डॉ। प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि नयति अस्पताल के खिलाफ दो शिकायतें मिली थीं। शिकायतों का जवाब न देने पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विधिक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

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वकीलों ने किया एमजी रोड पर प्रदर्शन

-संचालक को जेल भेजने के साथ अन्य अस्पतालों पर भी मुकदमा दर्ज करने की मांग

आगरा। पारस अस्पताल के संचालक के खिलाफ वकीलों ने बुधवार को एमजी रोड पर प्रदर्शन किया। वकीलों ने अस्पताल संचालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजने की मांग की। इसके साथ ही अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की।

दोषियों को भेजा जाए जेल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह के नेतृत्व में दीवानी के गेट नंबर दो के सामने एमजी रोड पर प्रदर्शन किया गया। प्रशासन से 22 मौतों के जिम्मेदार अस्पताल संचालक समेत अन्य लोगों को जेल भेजने की मांग की। एमजी रोड पर जाम लगाकर नारेबाजी करते अधिवक्ताओं में अस्पताल संचालक और उसके डॉक्टर्स के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश था। वह दोषी डॉक्टर्स को जेल भेजने की मांग कर रहे थे।

तो होगा आंदोलन

जनमंच अध्यक्ष ने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। अगले सोमवार को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा। जनमंच के अध्यक्ष ने कहा कि वह लंबे समय से पारस समेत अन्य अस्पतालों के खिलाफ निरंतर अभियान चला रहे हैं। कोविड अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। इन अस्पतालों ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के नाम पर मनमानी रकम वसूली है। प्रदर्शन करने वालों में वीरेंद्र फौजदार, हरदयाल सिंह, जितेंद्र सिंह चौहान, एसके सैनी आदि शामिल थे।