- 26 अप्रैल को पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन कर दी थी बंद, 22 मरीजों के शरीर पड़ गए थे नीले, चार ने तोड़ दिया था दम

- जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक के ऑक्सीजन की कमी के बयान को बताया गलत

आगरा। कोरोना संक्रमित मरीजों पर मौत का मॉकड्रिल करने के आरोप में घिरे श्री पारस हॉस्पिटल को मंगलवार को प्रशासन ने सील कर दिया। मंगलवार को एडीएम सिटी डॉ। प्रभाकांत अवस्थी व दो एसीएमओ की टीम हॉस्पिटल पहुंची। टीम ने हॉस्पिटल के रिकॉर्ड खंगाले। प्रशासन ने हॉस्पिटल संचालक डॉ। अ¨रजय जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यहां भर्ती 55 मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है।

तीन वीडियो हुए वायरल

हॉस्पिटल संचालक डॉ। अ¨रजय जैन के सोमवार को तीन वीडियो वायरल हुए। वीडियो के अनुसार, डॉ। अ¨रजय ने ऑक्सीजन की कमी होने पर 26 अप्रैल को सुबह सात बजे मॉकड्रिल की, पांच मिनट के लिए ऑक्सीजन बंद कर दी। इससे अस्पताल में भर्ती 96 में से 22 मरीजों के शरीर नीले पड़ गए। 22 मरीज छंट गए, जिनकी मौत हो सकती थी। शाम तक हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत हो गई।

22 मौतों की खबरें निराधार: डीएम

इस मामले में गठित टीम की रिपोर्ट के बाद डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से हॉस्पिटल में एक भी मौत नहीं हुई है। 22 मरीजों की मौत की खबरें निराधार हैं। 26 अप्रैल को शाम 4: 32 बजे एक कोरोना संक्रमित की मौत हुई, इसके बाद तीन और मरीजों की मौत हुई। 27 अप्रैल को तीन और मरीजों की मौत हुई। ऑक्सीजन समाप्त होने का भ्रम फैलाने और पांच मिनट का मॉकड्रिल करने पर हास्पिटल संचालक डॉ। अ¨रजय जैन के खिलाफ थाना न्यू आगरा में महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अस्पताल को सील कराया जाएगा।

देर शाम तक शिफ्ट होते रहे मरीज

प्रशासन के आदेश पर हॉस्पिटल सील करने की कार्रवाई से पहले यहां भर्ती मरीजों को शिफ्ट कराया जा रहा है। मंगलवार देर शाम मरीजों को उनके परिजन दूसरे अस्पताल में ले जाते रहे।

'मुख्यमंत्री भी नहीं मंगा सकते ऑक्सीजन'

28 अप्रैल को बनाए गए वीडियो में हॉस्पिटल संचालक डा। अ¨रजय जैन अपने चैंबर में मैनेजर और कर्मचारियों को 25 और 26 अप्रैल के हालात बयां कर रहे हैं। वीडियो में डॉ। अ¨रजय बता रहे हैं कि ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता द्वारा मोदीनगर, गाजियाबाद के प्लांट ड्राई होने और दिल्ली से भी ऑक्सीजन न मिलने की बात कही। आपूर्तिकर्ता ने कहा साहब मरीजों को डिस्चार्ज करो ऑक्सीजन कहीं नहीं है, अब मुख्यमंत्री भी नहीं मंगा सकते ऑक्सीजन। कर्मचारियों से कहा अब वो छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है, एक माकड्रिल कर के देख लेते हैं, समझ जाएंगे कौन सा मरेगा और कौन सा नहीं मरेगा। सुबह सात बजे माकड्रिल हुई, ये किसी को पता नहीं है। 22 मरीज छंट गए, ये मरेंगे, नीले पड़ने लगे। 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा और बचा लेंगे।

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श्री पारस हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की आपूर्ति

25 अप्रैल -149 ऑक्सीजन सिलेंडर, 20 रिजर्व

26 अप्रैल- 121 ऑक्सीजन सिलेंडर, 15 रिजर्व

27 अप्रैल -117 ऑक्सीजन सिलेंडर, 16 रिजर्व

नोट::जिला प्रशासन द्वारा जारी किए आंकड़े।

हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने किया हंगामा

हॉस्पिटल को सील करने के लिए पुलिस फोर्स के साथ टीम पहुंची। हॉस्पिटल के कर्मचारी गेट पर खडे़ हो गए और हंगामा किया। पुलिस ने कर्मचारियों को शांत कराया।

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11 जिलों में संक्रमण फैलाने पर पिछले साल हुआ था सील

अप्रैल 2020 में श्री पारस हॉस्पिटल के आईसीयू में मंटोला निवासी कोरोना संक्रमित महिला भर्ती रही, उससे विभिन्न जिलों के अन्य मरीज, तीमारदार और कर्मचारी संक्रमित हो गए। 11 जिलों में हॉस्पिटल से संक्रमण पहुंचने का आरोप लगा था। मौत भी हुई, इसके बाद हॉस्पिटल को सील कर मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की सिफारिश पर हॉस्पिटल की सील खोल दी गई। इस बार भी कोविड हॉस्पिटल बना दिया गया।

प्रियंका और राहुल गांधी ने किया ट्वीट

मौत के मॉकड्रिल पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम, सीएम और मंत्री द्वारा दिए गए बयान कि ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई थी, पर सवाल उठाया है। कहा है कि आगरा के हॉस्पिटल में आक्सीजन माकड्रिल का जिम्मेदार कौन।

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3-4 घंटे का बैकअप भी

डीएम प्रभु एन। सिंह ने बताया कि हॉस्पिटल में 20 सिलिंडर हमेशा रिजर्व में रखे जाते है। ये महत्वपूर्ण इसलिए हैं कि उनको 3-से 4 घंटे को बैकअप में रखा जाता है। इसके क्रम इन तीनों दिनों में इनके पास बैकअप सिलिंडर थे। ये दर्शाता है कि इनके पास ऑक्सीजन की किल्लत नहीं थी। इनके पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थी।

हॉस्पिटल में डेथ का होगा ऑडिट

डीएम ने कहा कि हॉस्पिटल में हुई सभी मौतों का अलग से सीएमओ की टीम से ऑडिट कराया जा रहा है। कॉज ऑफ डेथ के प्रत्येक बिन्दु पर ऑडिट किया जाएगा।

एडीएम से कर सकते हैं कंप्लेन

डीएम ने कहा कि डिटेल जांच पूरी नहीं हुई है। अभी जांच जारी है। इसके लिए एडीएम सिटी व दो एसीएमओ की कमेटी बनी हुई है। एक -एक बिन्दु की जांच की जाएगी। अगर किसी को कुछ कहना है तो वो एडीएम सिटी को लिखित में कंप्लेन कर सकता है।

जब भड़क उठे तीमारदार

जब एडीएम सिटी और एसीएमओ की टीमें पारस हॉस्पिटल पहुंची तो तमाम लोग हॉस्पिटल पहुंच गए। इस दौरान वे भी लोग शामिल थे, जिनके परिजनों की मौत ऑक्सीजन की कमी से पारस हॉस्पिटल में हुई थी। इस दौरान एसपी सिटी भी मौके पर पहुंच गए। हॉस्पिटल के स्टाफ से हंगामा कर रहे लोगों को कहलवाया गया कि 26-27 अप्रैल को हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कोई क्राइसिस नहीं थी। न ही हमें ऑक्सीजन बंद करने का ऑर्डर मिला। इस पर बाहर हंगामा कर रहे लोग भड़क गए। हंगामा हो गया। भीड़ में शामिल लोग कहने लगे कि ये झूठ बोल रहे हैं। हत्यारों को फांसी दो- फांसी दो के नारे गूंजने लगे। लोगों का कहना था कि जब जांच चल रही है। कुछ नेताओं से पुलिस की हाथापाई-नोकझोंक भी हो गई।

16 डेड बॉडी हॉस्पिटल से निकलती देखीं!

मौके पर पहुंचे एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि 26- 27 अप्रैल को लगातार डेड बॉडी हॉस्पिटल से बाहर जाते हुए देखी थीं। इस दौरान तकरीबन 15-16 डेड बॉडी निकल चुकी थीं। उन्होंने बताया कि मेरे परिचित इस हॉस्पिटल में एडमिट थे। हमसे कहा गया कि ऑक्सीजन का इंतजाम कर लें। नहीं तो हम आपको बाहर कर देंगे। इस दौरान कई एक्सपायर हुए थे। हम हर किसी को नहीं जानते थे। हम लोग मथुरा ऑक्सीजन लेने गए थे। जब लौट के आए तो देखा कि वार्ड के वार्ड खाली हो रहे हैं।

वर्जन

हमारे अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मौत नहीं हुई। वीडियो में जिस माकड्रिल की बात बताई जा रही है, इसे माकड्रिल नहीं कहा जा सकता। प्रशासन जो कार्रवाई कर रहा है, हम उसमें पूरा सहयोग करेंगे।

-डॉ। अरिंजय जैन, संचालक, श्री पारस हॉस्पिटल, भगवान टॉकीज चौराहा, आगरा

मोदी नगर प्लांट में ऑक्सीजन खत्म हो गई है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई। जन समान्य में भय का वातावरण बना। इसके क्रम में महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इसकी जांच पुलिस करेगी। जनमानस में इस प्रकार की भ्रांति आई है। इसको तत्काल प्रभाव से सील किया जा रहा है। 55 पेशेंट को शिफ्ट किया जा रहा है।

प्रभु एन। सिंह, जिलाधिकारी, आगरा