आगरा(ब्यूरो)। वह आपको ग्रीन गैस का बिल भरने का मैसेज करेंगे और उसमें लिंक भेजेंगे, लेकिन जैसे ही आपने लिंक पर क्लिक किया तो खाता साफ हो जाएगा। सोशल मीडिया की दुनियां में जानकारी और सावधानी ही बचाव है। इस दौर में कब किसके साथ ठगी हो जाएगी, यह बताना बहुत ही मुश्किल है। कभी ग्रीन गैस कनेक्शन काटने तो कभी पेंडिंग बिल भरने के नाम पर साइबर ठग पब्लिक को लिंक भेजकर उनके खाते से रुपए निकाल रहे हैं।

केस1
फोन नंबर पर भेज रहे वेब लिंक
कमला नगर के रहने वाले विनय के मोबाइल फोन पर एक वीक पहले एक अननॉन नंबर से मैसेज आया उसमें वेब लिंक भेजा गया। मैसेज में लिखा था कि बकाया धनराशि जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा। जानकारी के अभाव में उन्होंने भेजे गए लिंक पर क्लिक किया और ठगों को ग्रीन गैस के असली कर्मचारी समझकर उनके द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन किया। उन्होंने अपने बैंक अकाउंट के डेबिट कार्ड का डिटेल भी उन्हें बता दी। इसके बाद उनके अकाउंट से छह लाख रुपए निकल गए। मैसेज आने पर उनको ठगी के बारे में पता चला। इस घटना के बाद पीडि़त ने कंप्लेन की। रेंज साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

केस2
गैस बिल के नाम पर हुआ फ्र ॉड
ऑनलाइन फ्र ॉड करने वाले व्यक्ति ने बुजुर्ग को ग्रीन गैस का कर्मचारी रमेश शर्मा बनकर कॉल किया था। बुजुर्ग व्यक्ति का 1526 रुपए के गैस बिल का पेमेंट अटका था, जिसे तुरंत पेमेंट करने की बात स्कैमर ने बुजुर्ग से कही। इसके लिए स्कैमर ने व्यक्ति को डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने को कहा। स्कैमर ने बुजुर्ग को तुरंत बिल पेमेंट करने का दबाव बनाया। इसके बाद व्यक्ति ने बिल का पेमेंट करने के लिए अपने कार्ड का यूज कर लिया। इसके बाद वो ठगी का शिकार हो गए।

खाते से निकल गए 9 लाख रुपए
जैसे ही पीडि़त ने कार्ड का इस्तेमाल किया तो उसके पास कुछ मैसेज आए। व्यक्ति को पता चला कि बिना उसकी परमिशन के उसके नाम पर 9 लाख रुपए का पर्सनल लोन बैंक द्वारा अप्रूव हो गया है। इसके साथ ही उस लोन अकाउंट से कुल 7 लाख रुपए भी निकल लिए गए थे। इसके बाद वह व्यक्ति तुरंत ही अपनी शिकायत दर्ज कराने थाना सदर पहुंचा, पुलिस ने ऑनलाइन फ्र ॉड के इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

केस3
कनेक्शन काटने के नाम पर फ्रॉड
दयालबाग के रोशनबाग में रहने वाले रोहित मिश्रा के मोबाइल पर तीन महीने पहले एक मैसेज आया। इस पर मैसेज के जरिए एक लिंक भेजा गया था। वेब लिंक को क्लिक करने के बाद उनके खाते से एक लाख दस हजार रुपए निकल गए। पीडि़त ने दो दिन बाद मामले की शिकायत संबंधित थाना न्यू आगरा में की। उन्होंने मामले को संज्ञान में लेने के बाद इस केस को जिला साइबर सेल भेज दिया है। पीडि़त की शिकायत पर पूरे मामले की जांच की जा रही है।

ग्रीन गैस लिमिटेड भी करेगी अवेयर
ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए ग्रीन गैस कंपनी भी लोगों को अवेयर करेगी। इस संबंध में साइबर सेल से इंस्पेक्टर विनोद भारद्वाज ने कंपनी के प्रतिनिधियों से बात की है। ग्रीन गैस लिमिटेड कनेक्शन धारकों के मोबाइल नंबर पर अलर्ट का मैसेज भेजा जाएगा। इससे ग्रीन गैस के नाम पर हो रही ठगी को रोका जा सके।

ऑनलाइन फ्र ॉड से रहें अलर्ट
जिला साइबर सेल प्रभारी पुष्पेन्द्र चौधरी ने बताया कि किसी भी तरह का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक्त आप विशेष सावधानी रखें। ध्यान रखें कि गैस कंपनियां इस तरह कॉल करके आपको बिल का पेमेंट करने के लिए बिल्कुल नहीं कहती हंै। इसके साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपने अकाउंट डिटेल्स और कार्ड डिटेल्स बिल्कुल न शेयर करें।

पब्लिक को हम करते हैं अवेयर
रेंज साइबर सेल प्रभारी पूनम दुबे नेे बताया कि साइबर सेल और सोशल सोर्सेस के जरिए पब्लिक के लोगों को रोजाना कैंपेन चलाकर अवेयर किया जा रहा है। इसमें कहा जाता है कि किसी भी अनजान मैसेज पर भरोसा ना करें। यदि किसी ने आपको कोई वेब लिंक भेजा है तो उस पर बिल्कुल भी क्लिक ना करें। बैंक अकाउंट की डिटेल देने की गलती न करें लेकिन लोग हैं कि मानते नहीं। यदि आपको कोई धमकाता है, कनेक्शन काटने की धमकी देता है तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। इसकी शिकायत संबंधित थाना पुलिस से कर सकते हैं।

ऑनलाइन भेजे गए मैसेज के बारे में पहले पूरी जानकारी करें। मैसेज किस कंपनी का ऑफिस में पूछताछ करने के बाद ही उसको फॉलो करें। गैस कंपनियां इस तरह कॉल करके आपको बिल का पेमेंट करने के लिए बिल्कुल नहीं कहती है। इसके साथ ही किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपने अकाउंट डिटेल्स बिल्कुल न शेयर करें।
सोनम कुमार, डीसीपी, वेस्ट जोन

साइबर क्राइम को रोकने के लिए आए दिन सेल की ओर से लोगों को अवेयर किया जाता है, शहर और देहात में अभियान भी चलाए जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी लोग अनजान नंबर को फॉलो करने के बाद ठगी का शिकार हो रहे हैं। सावधानी ही बचाव है।
- पुष्पेन्द्र चौधरी, जिला साइबर सेल प्रभारी

वर्ष 2024 में साइबर क्राइम
-234
-साइबर सेल ने फ्रिज कराई रकम
एक करोड़ से अधिक

ग्रीन गैस लिमिटेड के कुछ ग्राहकों को क्यूआर कोड स्कैन कर गैस बिल का भुगतान करने, डेबिट व क्रेडिट कार्ड विवरण मांगने या तीसरे पक्ष का एप डाउनलोड करने के लिए धोखाधड़ी वाले कॉल आ रहे हैं। इस तरह के फोन का उत्तर न दें और भुगतान के लिए केवल जीजीएल की आधिकारिक साइट का ही उपयोग करें।
- राजीव गुगलानी, मार्केटिंग हेड, ग्रीन गैस लिमिटेड


फेक लिंक की इस तरह करें पहचान
जब आप किसी लिंक पर क्लिक करते हैं, तो उससे पहले उसका यूआरएल अच्छे से देखें। अक्सर ऐसा देखा गया है कि फेक लिंक के यूआरएल में गलतियां होती हैं, जैसे गलत शब्दों का यूज या अनजान डोमेन। इसके बाद भी अगर आपको लग रहा है कि लिंक फर्जी है तो आप डब्ल्यूएचओआईएस टूल्स का यूज करके डोमेन अथॉरिटी की जांच कर सकते हैं। किसी भी लिंक को खोलने से पहले, वेबसाइट को गूगल पर जाकर चेक करें कि क्या यह सर्टिफाइड और वेरीफाइड है। इस तरह आप ऐसे स्कैम से बच सकते हैं।