- संभागीय परिवार नियोजन प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित हुई ट्रेनिंग

- बाल रोग विशेषज्ञों और स्टाफ नर्स को सिखाए गए तीसरी लहर से निपटने के गुण

आगरा। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के लिए सरकार लगातार तैयारियां तेज कर रहीं हैैं। पीडियाट्रिक कोविड केयर के जरिए तीसरी लहर में बच्चों को बचाने की तैयारी है। इसमें पीकू वार्ड बनाए जाएंगे, तो दूसरी ओर ग्राउंड लेवल पर मेडिसिन किट के माध्यम से तीसरी लहर के प्रकोप को रोका जाएगा। शुक्रवार को संभागीय परिवार नियोजन प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में दो दिवसीय पिडियाट्रिक कोविड केयर ट्रेनिंग में डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग दी गई।

स्टाफ को दी ट्रेनिंग

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। आरसी पांडेय ने बताया कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के चलते जनपद में पीकू( पिडियाट्रिक आईसीयू) वार्ड तैयार किए गए हैं। इनमें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर इत्यादि लगाए गए हैं। शुक्रवार से पीकू के लिए चिकित्साधिकारियों और स्टाफ को प्रशिक्षित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ प्रतिभाग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में बाह, सैंया, बरौली अहीर और खंदौली सीएचसी पर पीकू वार्ड तैयार हो चुके हैं। वहां सभी जरूरी सामान भी पहुंचाया जा चुका है। अब प्रशिक्षण देकर आखिरी तैयारी हो रही है। ताकि मुश्किल वक्त में हम आसानी से निपट सकें।

बच्चों को वेंटिलेटर सपोर्ट की दी गई ट्रेनिंग

ट्रेनिंग में पीकू वार्ड को ऑपरेट करने के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि बच्चों को ऑक्सीजन कैसे देनी है? ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग कैसे करना है? वेंटिलेटर से बच्चों को बाइपैप सपोर्ट कैसे दिया जाएगा? इन सभी के बारे में ट्रेनिंग दी गई। दो दिवसीय प्रशिक्षण में पीकू के लिए बनाए गए जनपद के नोडल डॉ। सत्यमूíत तोमर ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीन बैच में प्रशिक्षण हो रहा है। प्रत्येक बैच में 30-30 स्वास्थ्यकíमयों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इस मौके पर उप नोडल डॉ। अरूण दत्त, मास्टर ट्रेनर डॉ। अभिषेक परिहार, स्टाफ नर्स भंवर सिंह, स्वित शुक्ला सहित अन्य प्रतिभागी मौजूद रहे।

कोविड के लक्षण होने पर दी जाएगी मेडिकल किट

कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका के मद्देनजर बच्चों के लिए दवा किट जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन दवा किट को कोविड के लक्षण होने पर वितरित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। आरसी पांडे ने बताया कि शून्य से 12 माह तक के शिशु (जिनमें कोविड के लक्षण तो हैं लेकिन जांच नहीं हुई है या जांच की रिपोर्ट पता नहीं है) और कोविड पॉजिटिव शिशु के लिए उपचार और मेडिकल किट की जानकारी से स्वास्थ्यकíमयों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसलिए अगर किसी शिशु में कोविड के लक्षण दिखें तो चिकित्सक के परामर्श से ही दवा लेनी है। अलग-अलग लक्षणों के हिसाब से अलग-अलग दवा किट और डोज का सेवन किया जाएगा।

ज्यादा बुखार आने पर हो जाएं सचेत

सीएमओ ने बताया कि अगर शिशु में लगातार 101 डिग्री से अधिक बुखार, अत्यधिक खांसी आना, पसली चलना, दूध एवं खुराक का लेना बंद कर देना, अत्यधिक रोना या निढाल पड़ जाना, पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर 94 से कम ऑक्सीजन सैचुरेशन हो तो, कोविड के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर्स की सहायता लेनी चाहिए। ऐसे बच्चों में कोविड प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

ऐसे करें बच्चों के लिए कोविड प्रबंधन

- दिन में तीन से चार बार बच्चे की श्वसन दर और ऑक्सीजन सैचुरेशन पल्स ऑक्सीमीटर से नापते रहें।

- अगर बच्चे में खांसी, पसली चलने, दूध व खुराक बंद होने, तेज बुखार और दस्त न रुकने की समस्या हो तो तत्काल एएनएम उपकेंद्र या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।

- किसी भी अप्रशिक्षित चिकित्सक के चक्कर में नहीं पड़ना है और न ही मेडिकल स्टोर से अपने मन से दवा खरीद कर देनी है।

यह नहीं करना है।

- छह माह तक के शिशुओं को किसी भी स्थिति में मल्टीविटामिन न दें।

- कोई भी दवा चिकित्सक द्वारा बताए गये डोज से अधिक नहीं देना है।

- बुखार का सीरप किसी भी स्थिति में बच्चे को खाली पेट नहीं देना है।

वर्जन

कोविड की संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारियां की जा रही हैं। पीकू वार्ड तैयार हैं, इसके साथ ही बच्चों के लिए मेडिसिन किट भी दी जाएंगी। बच्चों को लक्षण आने पर कोविड प्रबंधन करना जरूरी है।

-डॉ। आरसी पांडेय, सीएमओ