AGRA: जिला प्रशासन और पुलिस की प्लानिंग कहें या भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी का असर। दोनों ही बातों के चलते शमसाबाद केस को लेकर एनाउंस भाजपा की महापंचायत अपना प्रभाव नहीं छोड़ सकी। कुछ सैकड़ा लोगों को ही केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया और 'उनका गुट' संबोधित करता रहा। जबकि देहात क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने के लिए 'फेमस' सांसद चौधरी बाबूलाल ने महापंचायत से दूरी बनाए रखी।

धिमश्री में हुई महापंचायत

शमसाबाद में समुदाय विशेष को लेकर फेसबुक पर की गई टिप्पणी के बाद हुए बवाल के केस को राजनीतिक रंग देने की कोशिशें चल रहीं हैं। इसी सिलसिले में भाजपा ने मौके को भुनाते हुए महापंचायत का ऐलान किया। शनिवार को शमसाबाद एरिया में महापंचायत रखने की प्लानिंग हुई, लेकिन प्रशासन की सख्ती कहें या पुलिस की नाकेबंदी। ये महापंचायत शमसाबाद एरिया में न होकर फतेहाबाद क्षेत्र के धिमश्री में हुई।

दिखाई दी गुटबाजी

ये बात अब खुल चुकी है कि आगरा की भाजपा में जबर्दस्त गुटबाजी हावी है। जिला जेल के बाहर भाजपाइयों के बीच मारपीट का मामला इसका ताजा उदाहरण है। इसका असर सीधे तौर पर महापंचायत में देखने के लिए मिला। कठेरिया और बाबूलाल गुट में बंटे कार्यकर्ता शनिवार को महापंचायत में अपने-अपने खेमे में बैठे दिखाई दिए। फतेहपुर सीकरी सांसद चौधरी बाबूलाल गुट के समर्थकों ने महापंचायत में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जबकि कठेरिया समर्थक महापंचायत में पहुंचे तो उनकी संख्या महापंचायत को छोटी करती दिखी।

प्रशासन और पुलिस रही अलर्ट

चूंकि इस महापंचायत से शमसाबाद का माहौल फिर से बिगड़ सकता था, लिहाजा पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने शमसाबाद में महापंचायत नहीं करने के लिए हर हथकंडा तैयार कर लिया। इसमें प्रशासन काफी हद तक सफल भी होता दिखा। शमशाबाद एरिया में बीजेपी नेताओं को प्रशासन ने महापंचायत नहीं करने दी। इसके चलते बीजेपी को फतेहाबाद एरिया स्थित धिमश्री के सती माता मंदिर परिसर में महापंचायत करके ही संतुष्ट होना पड़ा।

परिणाम भी रहा बेनतीजा

महापंचायत में शमसाबाद प्रकरण को लेकर एक अहम फैसला होना था। पार्टी को क्षेत्रीय लोगों के साथ मिलकर इस केस को लेकर आगामी रणनीति तैयार करनी थी, लेकिन सिर्फ दोषियों की गिरफ्तारी की मांग उठने के अलावा कोई महत्वपूर्ण नतीजा या रणनीति का ऐलान इस महापंचायत में होता नजर नहीं आया। दबी जुबान से कई लोग महापंचायत को विफल करार देते सुने गए। साथ ही शमसाबाद का मुद्दा भी बिजली, पानी के अलावा किसानों की खाद के मुद्दे में गुम होता दिखा।

जो पंचायत में नहीं आया, वह जनता में खड़ा होने लायक नहीं

सती माता मंदिर परिसर में आयोजित महापंचायत में फतेहपुर सीकरी से सांसद चौधरी बाबूलाल का जमकर विरोध हुआ। पहले मंच से बोला कि महापंचायत के लिए मंत्री कठेरिया और सांसद चौधरी बाबूलाल को बुलाया था। जो नहीं आया वह जनता में खड़ा होने लायक नहीं है। महापंचायत के दौरान सांसद विरोधी नारे भी लगाए गए।

महापंचायत में सामाजिक एकजुटता पर दिया जोर

केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास राज्यमंत्री प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने महापंचायत में सामाजिक एकजुटता की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर अन्याय की लड़ाई के लिए समय रहते समाज एकजुट नहीं हुआ तो धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। शमशाबाद प्रकरण पर कहा कि अगर कोई गलत पोस्ट की गयी तो उसको जेल जाना चाहिए, लेकिन किसी बंदे के साथ जानवरों का बर्ताव किया जाए और पुलिस प्रशासन तमाशबीन बना रहे, ये अन्याय सहन नहीं होगा।

बहरी है यूपी सरकार

मंत्री प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने सपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार गूंगी-बहरी है। उन्होंने कहा कि एक साल बाद प्रदेश सरकार हिल जाएगी। सत्ता में बीजेपी की सरकार आएगी। उन्होंने कहा अभी तो सती माता के मंदिर पर महापंचायत हो रही है। छोटी बगीची है। प्रशासन सोच रहा है कि यूं ही घूमने आ गए हैं, लेकिन अगर निर्दोषों का अन्याय बंद नहीं हुआ तो इससे भी बड़ी महापंचायत होगी। इस बार प्रशासन की चांद (सिर) पर महापंचायत होगी।

बिजली की समस्या

महापंचायत के दौरान बिजली की समस्या भी उठी। जिस पर कठेरिया ने कहा कि पीएम की ओर से पचास हजार करोड़ दिए हैं। साढ़े चार सौ करोड़ बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए दिए हैं। इससे हर खेत और घर को पूरी बिजली मिल सके लेकिन, सिस्टम प्रदेश सरकार का है। केंद्र का सिस्टम नहीं है। उन्होंने ये भी दावा किया कि एक साल बाद हर खेत के लिए खाद मिलना शुरू हो जाएगा।

निर्दोषों की रिहाई की मांग

महापंचायत के मंच पर विधायक जगनप्रसाद गर्ग ने कहा कि शमसाबाद प्रकरण में जितने भी निर्दोष जेल भेज दिए हैं। उन्हें जेल से रिहा किया जाए, नहीं तो इससे भी बड़ी सभा होगी। बजरंग दल के नेता सुनील पाराशर ने कहा कि हमने प्रदेश में ऐसी सरकार चुनकर भेजी है, जो निर्दोषों पर अत्याचार कर रही है। पूर्व एमएलए चौ। उदयभान सिंह, बीजेपी जिलाध्यक्ष अशोक राना, ऋषि उपाध्याय, प्रमोद गुप्ता, रामकुमार शर्मा आदि ने भी संबोधित किया। डॉ। रामबाबू हरित, डॉ। जीएस धर्मेश, शरद चौहान, मनोज राघव, राणा प्रताप सिंह, हरेंद्र सिंह, प्रेमचंद कुशवाहा, धर्मवीर प्रजापति, बालकिशन चाहर, कौशलेंद्र सिंह प्रधान आदि भी उपस्थित रहे। संचालन अनिल चौधरी ने किया।