सिर्फ 10 परसेंट पेठे का प्रोडक्शन हुआ शुरू

टूरिज्म शुरू होने के साथ आएगी पेठा इंडस्ट्री में तेजी

आगरा: लॉकडाउन के खुलने और अनलॉक के स्टार्ट होने के बाद आगरा की पेठा इंडस्ट्री की गाड़ी अब पटरी पर आ रही है। शहरभर में बाजारों के खुलने की अनुमति मिलने के बाद पेठे का व्यापार भी अब शुरूहो चला है। आगरा में पेठे की प्रोडक्शन यूनिट भी अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। इनमें पेठा बिकने लगा है। लोग भी अपने पसंदीदा पेठे को लंबे समय के बाद पसंद कर रहे हैं। पेठा व्यापारियों का कहना है कि बाजार अभी पहले जैसा नहीं लेकिन काम स्टार्ट हुआ है इससे भी हमें काफी राहत है। आगे पेठा व्यापार और गति पकड़ेगा।

व‌र्ल्ड फेमस है आगरा का पेठा

आगरा का पेठा व‌र्ल्ड फेमस है, आगरा के पेठे की डिमांड पूरे इंडिया में है। आगरा के पेठे की विशेष वैरायटी की रेंज लोगों को अपनी ओर आकíषत करती है। लोग अंगूरी पेठे, पान पेठे, चॉकलेट पेठे सहित पेठे की डिफरेंट वैरायटी को चाव से खाते हैं। कुल लोग बताते हैं कि पेठा फल से बनता है और इयुनिटी बढ़ाने में भी कारगर है। लॉकडाउन के कारण आगरा का पेठा व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था। लेकिन अब इसमें फिर से गति आई है।

अब दोबारा व्यापार कर रहे शुरू

आगरा में एक हजार पेठा व्यापारी हैं। ये सभी डेली हजारों किलो पेठा सप्लाई करते हैं। लेकिन लॉकडाउन में इनका 15 से 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। लेकिन अब व्यापारी नई उमीद के साथ दोबारा से पेठे को व्यापार को शुरू कर रहे हैं। उन्हें उमीद है कि जल्दी ही व्यापार पहले की तरह से ट्रैक पर आएगा और वे नुकसान की भरपाई कर पाएंगे।

अभी पूरी तरह नहीं शुरु हुआ पेठा व्यापार

आगरा के पेठा व्यापारियों का कहना है कि पेठा व्यापार अभी पहले की तरह तो शुरूनहीं हुआ है। अभी जैसे-जैसे डिमांड बढ़ती जाएगी, पेठा इंडस्ट्री में तेजी आती जाएगी। अभी केवल 10 से 15 परसेंट पेठे की फैक्ट्रियां ही खुली हैं। इनमें पेठा बनना स्टार्ट हो रहा है। लेकिन अभी बाजार में उतनी डिमांड ही नहीं है। इसलिए व्यपारी भी जल्दीबाजी में फैक्ट्री शुरू करने के मूड में नहीं हैं। वे बाजार के मूड को देखकर अपना प्रोडक्शन स्टार्ट करेंगे। आगरा में एक हजार पेठा फैक्ट्रियां हैं, लेकिन इसमें से लगभग 100 फैक्ट्रियों ने अभी काम करना शुरूकिया है।

अभी छाई रह सकती है मंदी

भीमसेन बैजनाथ पेठे वाले योगेंद्र सिंघल बताते हैं कि अभी थोड़े समय के लिए पेठा उद्योग में मंदी रहने का ही अनुमान है। क्योंकि लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था डगमगा गई है। लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं अभी। कुछ समय के बाद सब नॉर्मल होगा तो टूरिस्ट भी आना शुरू होंगे। इसके बाद ही व्यापार में तेजी आ सकेगी।

एक हजार पेठे की फैक्ट्रियां हैं आगरा में

आगरा में एक हजार से ज्यादा पेठे की दुकानें हैं। इन सभी की अपनी-अपनी फैक्ट्रियां हैं, जहां पर पेठा बनता है। हर व्यापारी के यहां पर डेली हजार किलो से ज्यादा पेठे की खपत है, लेकिन लॉकडाउन के बाद अब दोबारा से उतना ही प्रोडक्शन करने में काफी टाइम लगेगा। इन सभी फैक्ट्रियों में कम से कम 20 लोग काम करते हैं। इस वक्त सभी फैक्ट्रियां नहीं खुली हैं, तो अभी लोगों को घर पर बैठना पड़ रहा है।

प्रोडक्शन में रखा जा रहा सफाई का विशेष ध्यान

ंछी पेठा के अंकित गोयल बताते हैं कि पेठे के प्रोडक्शन में हमेशा से सफाई और हाईजीन का विशेष ध्यान रखा जाता है। लेकिन कोरोनावायरस, के बाद इसमें और ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। पेठे के कारीगर मास्क और ग्लव्स पहनकर ही पेठा बना रहे हैं। उन्हें प्रोडक्शन लाइन पर हाथों को सेनेटाइज करने के बाद ही अनुमति दी जाती है।