- बरतें जरूरी सावधानी, निमोनिया से करें बचाव

- कोविड-19 के संक्रमणकाल में और ज्यादा हो सकता है घातक

आगरा। बच्चों में सर्दी के मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन लोग इसे साधारण सर्दी-खांसी समझ कर लापरवाही कर देते हैं। जबकि ये बैक्टीरियल इंफेक्शन है। अगर इसका समय रहते सही तरह से इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है। निमोनिया होने पर फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं और इससे श्वसन प्रणाली प्रभावित होती है। कोविड-19 के संक्रमणकाल में ये और ज्यादा घातक साबित हो सकता है। इस संक्रमण से फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे बलगम या मवाद वाली खांसी, बुखार, ठंड लगने और सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्या हो सकती है। निमोनिया होने पर व्यक्ति को कई तरह के लक्षण नजर आते हैं और कुछ आसान उपायों के जरिए इससे खुद का बचाव कर सकते हैं।

कोविडकाल में बचाव है जरूरी

कोविड-19 के संक्रमणकाल में निमोनिया ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आप चाहते हैं कि निमोनिया आपको प्रभावित न करे तो इसके लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं। जैसे निमोनिया और फ्लू के बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। डॉक्टर की सलाह पर यह वैक्सीन लगवा सकते हैं। श्वसन संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हाथों को नियमित रूप से धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर का उपयोग करें।

डॉक्टर से करें संपर्क

सांस तेज लेना भी निमोनिया का संकेत हो सकते हैं। निमोनिया के आम लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में मुश्किल आदि लक्षण होते हैं। उल्टी होना, पेट या सीने के निचले हिस्से में दर्द होना, कपकपी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द भी निमोनिया के लक्षण है। 5 साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में निमोनिया होने पर उन्हें सांस लेने तथा दूध पीने में भी दिक्कत होती है। वह सुस्त हो जाते हैं। बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत से बनी रहे इसलिए जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां का पहला दूध जिसे कोलेस्ट्रम कहते हैं, अवश्य पिलाना चाहिए।

लक्षण:

निमोनिया के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, जो संक्रमण के कारण, रोगाणु के प्रकार अथवा आपकी उम्र व स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। सामान्य लक्षण अक्सर सर्दी या फ्लू के समान होते हैं, लेकिन लंबे समय तक रहते हैं, अन्य लक्षण हैं-

- सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द

- खांसी जो कफ पैदा कर सकती है

- बुखार पसीना और कपकपी ठंड लगना

- मतली उल्टी या दस्त

- सांस लेने में परेशानी

सर्दी में बच्चों को निमोनिया का खतरा अधिक होता है। इस मौसम में शिशु को ठंड से बचाना चाहिए। निमोनिया से बचाव के लिए नवजात शिशु एवं बच्चों को पीसीवी का टीका दिया जाता हैं। नवजात शिशु को संक्रमण लगने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनमें संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम होती है। इससे बचाने के लिए सही समय पर बच्चे को वैक्सीन लगवानी चाहिए।

-डॉ। काजल राजपूत, प्रभारी, सिकंदरा यूपीएचसी